उत्तराखंड में आम लोगों को भी अब सैन्य अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तराखंड में सेना के विभिन्न अस्पतालों में आम लोगों को ओपीडी व प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र सौंपा था। जिसमें राज्य के सैन्य अस्पतालों में आम लोगों को सामान्य चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की थी। बलूनी ने शनिवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से साउथ ब्लाक स्थिति कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें एक पत्र भी सौंपा। उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि उत्तराखंड चीन-तिब्बत व नेपाल की सीमा से जुड़ा होने से सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है।
राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार को लेकर लगातार पलायन हो रहा है। इससे स्थिति चिंताजनक है। राज्य के दूरदराज में रहने वाले लोगों को सामान्य चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैया नहीं है, ऐसे में उनको बहुत दूर शहरों तक आना पड़ता है। चूंकि विभिन्न दुर्गम क्षेत्रों में सेना के अस्पताल है, अगर वहां पर आम लोगों को ओपीडी, प्राथमिक चिकित्सा व जरूरी दवाएं मिल सकें तो राज्य को भारी लाभ होगा। रक्षामंत्री ने उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए जल्द ही सेना की कमान से चर्चा कर जरूरी कदम उठाने को कहा है।
राजनाथ सिंह से मिलेंगे
बलूनी ने कहा कि वे रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सेना के साथ राज्य में अर्धसैनिक बलों के अस्पतालों में भी ऐसी सुविधाओं की मांग करेंगे। उत्तराखंड में आईटीबीपी, सीआरपीएफ व एसएसबी की बटालियन हैं। बलूनी ने कहा कि राज्य में सेना के देहरादून, रुड़की, लैंसडाउन, हर्षिल, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व धारचूला में सैन्य क्षमता के आधार पर सैन्य अस्पताल हैं। साथ ही जिला स्तर पर ईसीएचएस क्लीनिक काम कर रही हैं।