एसआरएचयू में न्यूट्रास्यूटिकल्स के महत्व पर मंथन

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डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआई) में तीन दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश-विदेश से पहुंचे विशेषज्ञों नें वर्तमान समय में सही खानपान अपनाकर दीर्घकालिक बीमारियों से निजात पाने की बात कही।

विश्वविद्यालय के न्यू ऑडिटोरियम में आयोजित तीसरी इंटरनेशनल कांफ्रेस ऑन न्यूट्रस्यूटिकलस एंड क्रोनिक डिसेज (आईएनसीडी-2108) का उद्घाटन ने संस्थापक डॉ. स्वामी राम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि हिमालय ड्रग कंपनी के अध्यक्ष डॉ. सैय्यद फारूख ने कहा कि, “आज समय के साथ लोगों की जीवन शैली और खानपान में परिवर्तन हुआ है और उसका खामियाजा यह हुआ है कि प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी बीमारी से पीडित हैं।”

विशिष्ट अतिथि एसआरएचयू कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि, “स्वस्थ रहना हम सबका अधिकार है।” कॉन्फ्रेंस से न्यूट्रास्यूटिकल्स के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ेगी। साथ ही कॉन्फ्रेंस से इस क्षेत्र में शोध कर रहे छात्र-छात्राओं को इसका फायदा मिलेगा। कान्फ्रेंस के चेयरमैन और कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. सुनील सैनी ने कहा कि, “न्यूट्रास्यूटिक्लस ऐसे खाद्य पदार्थ है जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है। हमारे पारंपरिक खानपान में सभी पोषक तत्व मौजूद है, जिससे हम शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढा सकते है।”

उन्होंने कहा कि सही पौष्टिक आहार अपने आप में दवा है, जो कई बीमारियों से हमें बचाता है। अमेरिका से आए विशेषज्ञ डॉ.सुभाष चौहान ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में संक्रामक बीमारी, कैंसर, हृदय, न्यूरो, मोटापा, मधुमेह, मानसिक विकार, गठिया, गैस्ट्रो, बाल चिकित्सा एवं वृद्धवस्था से संबंधित बिमारियो के उपचार में न्यूट्रास्यूटिकल्स के महत्व पर चर्चा की जाएगी। कांफ्रेंस में भारत से 26 व विदेश से 21 स्पीकर भाग ले रहे है। इसके अलावा डॉ.भारत अग्रवाल, डॉ.एबी कुन्नूमाक्कारा, डॉ.ओम्मिन, डॉ.सुभाष गुप्ता आदि मुख्य वक्ता हैं।