प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोले- ओएनजीसी मुख्यालय के स्थानांतरण की साजिश कर रही सरकार

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माहरा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने ओएनजीसी मुख्यालय के स्थानांतरण का विरोध किया है। साथ ही राज्य हित में ओएनजीसी के विभिन्न विभागों तथा मुख्यालय के स्थानांतरण पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।

मुख्यमंत्री एवं पेट्रोलियम सचिव भारत सरकार को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने कहा है कि संज्ञान में आ रहा है कि सरकार देहरादून स्थित नवरत्न संस्थाओं में एक तेल एवं प्राकृतिक गैस लिमिटेड (ओएनजीसी) के मुख्यालय को देहरादून से अन्यत्र स्थानांतरित करने का प्रयास कर रही है। ओएनजीसी के विभिन्न विभागों की शिफ्टिंग भी शुरू हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ओएनजीसी से विभिन्न विभागों को स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है तथा विभागों के स्थानांतरण का सिलसिला जारी है, उससे न केवल ओएनजीसी कर्मचारी यूनियन अपितु आमजन में भी रोष है। यह ऋषिकेश स्थित आईडीपीएल की भांति ओएनजीसी का अस्तित्व समाप्त करने का षड्यंत्र है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की प्रदेशों को अलग पहचान दिलाने और विकास के साथ रोजगार प्रदान करने वाली नीतियों के तहत देश के सभी भागों में विश्व प्रसिद्ध संस्थान बसाए गए थे परंतु वर्तमान में एक के बाद एक इन संस्थानों का अस्तित्व मिटाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। देहरादून स्थित ओएनजीसी, आर्डिनेंन्स फैक्ट्री, एफआरआई, आइएमए, आइआइपी जैसे संस्थानों से यहां की अलग पहचान है। इन संस्थानों के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार तो प्राप्त है ही यह संस्थान राज्य की आर्थिकी से भी जुडे हैं।

उन्होंने कहा कि गत कई वर्षों से ओएनजीसी, आर्डिनेंंस, एफआरआई, आईआईपी जैसे बड़े संस्थानों में कार्मिकों की संख्या लगातार कम की जा रही है तथा नई भर्तियों की प्रक्रिया पूर्ण रूप से बंद पड़ी है। इससे यह प्रतीत होता है कि डबल इंजन की सरकार लोगों को नए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के बजाय राज्य में पहले से उपलब्ध रोजगार के साधनों से भी वंचित करने और राज्य की पहचान माने जाने वाले संस्थानों का अस्तित्व समाप्त करने का षड्यंत्र कर रही है।