बुधवार को केदारनाथ धाम के कपाट खुले और इसके साथ ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पहुंच कर पूजा अर्चना की। पीएम के दौरे के लिये पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थी। मोदी की अगुवाई के लिये उत्तराखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा कई अधिकारी, नेता और आम जनता मौजूद रही। इन सब के बीच जो नहीं दिखे वो थे केदारानाथ के विधायक मनोज रावत। पेशे से पत्रकार रहे मनोज पहली बार चुनाव लड़ें और राज्य में बीजेपी की आंधी के बावजूद कांग्रेस के टिकट पर जीते। लेकिन मनोज रावत की प्रधानमंत्री के आधिकारिक कार्यक्रम से गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं।
इस मामले पर मनोज रावत का कहना है कि “मुझे कोई सूचना या कोई न्यौता नहीं मिला। एक हफ्ता पहले मैं खुद डीएम कार्यालय गया और कहा कि अगर स्थानीय विधायक के तौर पर कोई मदद चाहिये तो मुझे बताऐ। लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला।”
इस पूरे मामले पर डीएम आफिस की तरफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि “प्रधानमंत्री के स्वागत सत्कार के प्रोटोकॉल में केदारनाथ के विधायक मनोज रावत से स्वागत नही करवाया गया जबकि ये गलत है। स्थानीय विधायक की उपेक्षा हुई है और साथ ही केदारनाथ की जनता और पूरी देवभूमि का भी अपमान किया गया है। यदि राज्य सरकार स्थानीय विधायक मनोज रावत को भी स्वागत सत्कार का अवसर दे देती तो इस अनावश्यक प्रसंग से बचा जा सकता था।”