पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राजभवन पहुंचा कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल

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देहरादून। कांग्रेसजनों का एक प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में बुधवार राजभवन पहुंच कर राज्यपाल कृष्णकांत पाल से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल को प्रतिनिधिमंडल ने पांच सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित करते हुए भाजपा सरकार व असफर पर मनमानी करने का आरोप लगाया।
बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने नेतृत्व में राज्यपाल कृष्ण कांत को सौंपे ज्ञापन में सरकार व उनके अफसरों द्वारा लगातार विपक्षी जनप्रतिनिधियों के साथ गलत व्यवाहार का आरोप लगाया। बताया कि 27 जनवरी, 2018 को विधायक धारचूला, हरीश धामी द्वारा अपनी विधायक निधि से कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा के लिए अलग से मुलाकात का समय मांगे जाने पर मुख्य विकास अधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा अलग से मिलने का समय न देकर प्रोटोकाॅल का उलंघन करते हुए विधायक के साथ अभद्रता से पेश आए। इसलिए कांग्रेस पार्टी मुख्य विकास अधिकारी के इस आचरण के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में आॅल वेदर रोड़ के निर्माण के लिए सड़क मार्ग में आने वाले स्थानीय किसानों की कृषि भूमि,आवासीय भवन तथा व्यापारियों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों का अधिग्रहण कर रही हैं। इस कारण सरकारी एवं गैर सरकारी सार्वजनिक उपयोग की परिसम्पत्तियां भी प्रभावित हो रही हैं। आॅल वेदर रोड़ के निर्माण से प्रभावित किसानों व व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार के स्तर से सभी पक्षों की एक बैठक आयोजित करवाकर समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस पहल करने की सरकार से मांग की है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा है कि विगत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ऋषिकेश विधानसभा के अन्तर्गत सौंग व सुसवा नदी की बाढ़ से प्रभावित न्याय पंचायत गौहरी माफी की 18 ग्राम पंचायतों की सीमा में बाढ़ सुरक्षा कार्य के लिए 05 करोड़ 96 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे, जिनमें से पिछली सरकार द्वारा कार्य प्रारम्भ करने के लिए 01 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। कार्य प्रारम्भ होने के कुछ समय बाद एनजीटी द्वारा कार्य रोकने के आदेश दिए जाने पर स्थानीय लोगों द्वारा एनजीटी के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई। न्यायालय द्वारा एनजीटी के आदेश को निरस्त करते हुए निर्माण कार्य जारी रखने के आदेश दिए गए हैं लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया जा रहा है। यदि अगली बरसात से पहले बाढ़ सुरक्षा कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो 18 गांवों के ग्रामीणों के आवासीय भवन एवं कृषि भूमि जलमग्न होने का खतरा है। कांग्रेस पार्टी बाढ़ सुरक्षा कार्य के लिए स्वीकृत अवशेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने की मांग करती है।
एक अन्य मामले को राज्यपाल के संज्ञान में लाते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा नगर पंचायत गौचर के अध्यक्ष मुकेश नेगी के अधिकारों की बहाली के आदेश के बावजूद राज्य सरकार द्वारा नेगी को पदभार नहीं सौंपा गया है, जो कि न्यायालय के आदेशों की अवहेलना के साथ-साथ जनप्रतिनिधि का उत्पीड़न भी है। मुकेश नेगी, अध्यक्ष नगर पंचायत गौचर को अविलम्ब उनका कार्यभार सौंपा जाय।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने यह भी कहा कि विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के अन्तर्गत कल्लूवाला (चक चैबेवाला) क्षेत्र जो कि नगरीय क्षेत्र से अलग-थलग 9 कि.मी. घने जंगल के बाद स्थित है, को नगर पालिका परिषद डोईवाला में सम्मिलित किये जाने का स्थानीय नागरिकों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। भारी जन विरोध के बावजूद राज्य सरकार द्वारा उक्त क्षेत्र को नगर पालिका परिषद डोईवाला में शामिल करना जन भावनाओं का अपमान है। अतः उक्त क्षेत्र को नगर पालिका परिषद क्षेत्र से बाहर रखा जाय। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यपाल से आग्रह करती है कि उपरोक्त बिन्दुओं पर प्रदेश सरकार को तत्काल कार्रवाई के निर्देश देने का कष्ट करेंगे।
प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, सूर्यकान्त धस्माना, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, महामंत्री शिल्पी अरोड़ा, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व मंत्री अजय सिंह, प्रवक्ता गरिमा दसौनी, सचिव गिरीश पुनेड़ा आदि शामिल थे।