नैनीताल जिला कारागार में कैदियों के दो गुटों में जमकर मारपीट हो गई। इससे जेल में अफरा-तफरी मच गई। मारपीट में कुछ कैदियों के घायल होने के भी सूचना है। घटना के बाद जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेल प्रशासन की मांग पर हल्द्वानी उप कारागार से 10 प्रशिक्षु बंदी रक्षकों को जिला जेल भेज दिया गया है।
सूत्र बताते हैं कि हल्द्वानी में वर्ष 2010 में देवलचौड़ चौराहे के समीप रहने वाले एक कारोबारी की धान मिल तिराहे पर सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने काशीपुर के बदमाश प्रकाश पांडे समेत दो शूटरों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया। दोनों शूटरों को न्यायालय ने कारोबारी की हत्या में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हत्यारा प्रकाश पांडे पिछले कुछ समय से सितारगंज स्थित सेंट्रल जेल में बंद था। 25 मई को वह गैंगस्टर के एक मामले में नैनीताल स्थित न्यायालय में पेशी पर आया। न्यायालय के आदेश पर उसे नैनीताल जिला कारागार में भेजा गया। तब से प्रकाश पांडे जिला जेल में बंद है।
वहीं, सूत्रों की मानें तो जिला जेल में पूर्व से बंद कैदियों व प्रकाश पांडे के बीच वर्चस्व को लेकर जंग छिड़ गई है, कैदियों के दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हो गई। इससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मात्र तीन बंदी रक्षकों के होने से जेल प्रशासन को स्थिति सामान्य करने में पसीने छूट गए। बताते हैं कि इस मारपीट में प्रकाश पांडे समेत कुछ कैदी जख्मी भी हुए हैं। वहीं, जिला कारागार की डिमांड पर आला अधिकारियों ने हल्द्वानी जेल से 10 प्रशिक्षु बंदी रक्षकों को जिला कारागार भेजा गया है। जेल प्रशासन ने प्रकाश पांडे को जिला जेल से शिफ्ट करने की गुहार लगाई है। जेल के अफसर इस मामले में कोई भी जानकारी देने से बच रहे हैं। साथ ही मारपीट की घटना से इनकार कर रहे हैं।
इरशाद अली, जेलर ने बताया कि जेल में वर्चस्व को लेकर कैदियों में तनाव रहता है। जेल प्रशासन कैदियों में विवाद न हो, इसके लिए सतर्क है। जेल में कैदियों के बीच किसी भी तरह की मारपीट की घटना नहीं हुई थी।