सहकारिता की रीढ़ कही जाने वाली बहुद्देश्यीय सहकारी समितियां आने वाले दिनों में पतंजलि के उत्पाद भी बेचेंगी। पतंजलि की ओर से आए प्रत्येक बहुद्देश्यीय समिति में आउटलेट खोलने के प्रस्ताव पर सरकार गंभीरता से कदम बढ़ा रही है। इसके परीक्षण के मद्देनजर पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले कुछ समितियों में इसकी शुरुआत की जाएगी। इस पहल के पूरी तरह परवान चढ़ने से जहां राज्य के सुदूर अंचलों में भी लोगों को पतंजलि के उत्पाद मिल सकेंगे, वहीं इन आउटलेट के जरिये 2680 युवाओं को रोजगार भी मुहैया हो सकेगा।
प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों का दर्जा देने के बाद सरकार इनके सशक्तीकरण की कोशिशों में जुटी है। इस कड़ी में समितियों को जहां 40 पेट्रोल पंप और 100 रसोई गैस एजेंसियों के संचालन की जिम्मेदारी देने की तैयारी चल रही है, वहीं अब पंतजलि के माध्यम से भी इन्हें सशक्त बनाया जाएगा। इस सिलसिले में पंतजलि योगपीठ के पदाधिकारियों और सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मध्य दो दौर की वार्ता हो चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि हाल में पतंजलि ने अपना प्रस्ताव भी सहकारिता राज्यमंत्री डॉ. रावत को सौंप दिया है। इसमें कहा गया है कि यदि राज्य की सभी 670 न्याय पंचायतों में स्थित बहुद्देश्यीय समितियों में सरकार एक आउटलेट बनाकर दे दे तो, पतंजलि वहां क्षेत्रवासियों की मांग के अनुरूप अपने सभी उत्पाद उपलब्ध कराएगी। इसके लिए ढुलान का खर्च भी पतंजलि वहन करेगा।
यही नहीं, आउटलेट से होने वाली बिक्री पर 15 फीसद की छूट दी जाएगी। इस छूट का 10 फीसद हिस्सा समिति को जाएगा और पांच फीसद का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। सबसे अहम ये कि प्रत्येक आउटलेट में चार कर्मी भी रखे जाएंगे। इस प्रकार 670 बहुद्देश्यीय समितियों में 2680 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
इस प्रस्ताव के संबंध में सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर मंथन किया। इसमें तय हुआ कि प्रस्ताव से जुड़े सभी पहलुओं का परीक्षण कर कदम उठाए जाएंगे। अलबत्ता, पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ समितियों में यह पहल करने का निर्णय लिया गया। इसके रिजल्ट के बाद सभी समितियों में पतंजलि के आउटलेट खोले जाएंगे।