ऋषिकेश बाईपास के भूमि अधिग्रहण की लागत केन्द्र वहन करे

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17 प्रान्तीय मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाए, हरिद्वार रिंग रोड़ व गंगा नदी पर जगजीतपुर (कनखल) के निकट चार लेन सेतु की स्वीकृति दी जाए। मुख्यमंत्री रावत ने केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट की।चारधाम परियोजना के अंतर्गत सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत ऋषिकेश बाई पास के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत भारत सरकार द्वारा वहन की जाए। केन्द्रीय सड़क निधि के तहत लगभग 454 करोड रूपए लागत की 19 अतिरिक्त योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से भेंट कर 17 प्रान्तीय मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने व हरिद्वार रिंग रोड़ की स्वीकृति देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वर्ष 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इसमें सम्भावित यातायात दबाव से निपटने के लिए हरिद्वार शहर में रिंग रोड़ का निर्माण कराया जाना अहुत जरूरी है। रिंग रोड़ की अनुमानित लम्बाई 47 किमी व लागत 1566 करोड़ रूपए आंकलित की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इसकी डीपीआर का मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन के समक्ष प्रस्तुत करते हुए रिंग रोड़ का संरेखण कर लिया गया है। अब इसके निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार से की जानी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त हरिद्वार में यातायात के दबाव को कम करने के लिए गंगा नदी पर जगजीतपुर (कनखल) के निकट 2.5 किमी स्पान के चार लेन सेतु का निर्माण भी आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फर नगर-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग को फोर लेन में बदलने का कार्य एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है। आगामी महाकुम्भ 2021 के आरम्भ होने से पहले इस प्रखण्ड में फोर लेनिंग का कार्य पूर्ण किया जाना अति आवश्यक है। केन्द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त राज्य की भौगोलिक आवश्यकताओं को देखते हुए 19 अन्य योजनाआें की स्वीकृति जरूरी है। लगभग 454 करोड़ लागत की इन योजनाओं के प्रस्ताव केन्द्र को भेजे जा चुके हैं। 17 प्रान्तीय मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए भी अनुरोध किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा चार धाम परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश में लगभग 17 किमी का बाईपास सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत किया गया है। इस बाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत लगभग 250 करोड़ रूपए है। जिस तरह से चारधाम महामार्ग परियोजना में भूमि अधिग्रहण की लागत भारत सरकार द्वारा वहन की जा रही है, उसी तर्ज पर इस 17 किमी ऋषिकेश बाईपास की भूमि अधिग्रहण की लागत भी भारत सरकार करे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी से सभी प्रस्तावों पर जल्द स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय उत्तराखण्ड की हरसम्भव मदद के लिए तत्पर है।