पचौरी यौन उत्पीड़न के मामले की मीडिया में रिपोर्टिंग पर रोक नहीं

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नई दिल्ली, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पर्यावरणविद् और टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी की उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले की मीडिया में रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुमित दास ने अपने फैसले में सभी मीडिया संस्थानों को सलाह दी है कि वे खबर छापने से पहले पचौरी या उनके प्रतिनिधि का मत भी छापें और ये बताएं कि ये मामला कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि रिपोर्टिंग करते समय गर्मी पैदा करने की बजाय रोशनी देनी चाहिए।

दरअसल पचौरी के खिलाफ फरवरी 2015 में उनके एक महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। पचौरी ने मीडिया संस्थानों द्वारा इस केस की कवरेज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि खबर छापने से पहले अगर पचौरी या उनके प्रतिनिधि अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो खबर में ये लिखना जरुरी है कि उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई थी।

इस मामले में मीडिया संस्थानों और सामाजिक कार्यकर्ता वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट से कहा कि उन्हें जनहित से जुड़ी खबरें छापने का हक है| ऐसा करने से रोका नहीं जा सकता है।

पचौरी ने अपनी याचिका में कहा था कि मीडिया में उनके खिलाफ अपमानजनक बातें की जा रही हैं| इससे उनकी छवि धूमिल हो सकती है। इसलिए मीडिया को इस मामले की रिपोर्टिंग करने पर रोक लगाई जानी चाहिए।