मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि उत्तराखंड में हाल के दिनों में कोराना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा होने से घबराने की जरूरत नहीं है। राज्य में अभी तक सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है। जितने भी केस आ रहे हैं, उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री है या कान्टेक्ट के केस हैं। ये सभी पहले से निगरानी में चल रहे थे। अभी कुछ दिन और कुल मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है परंतु 10-15 दिनों में एक्टिव केस की संख्या में कमी आने लगेगी।
मुख्य सचिव ने शाम को यहां सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमारी डबलिंग रेट में पिछले तीन दिन में कुछ सुधार हुआ है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण औसत राष्ट्रीय औसत से कम है। हमारे यहां कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम है जबकि देश का औसत लगभग 2.8 प्रतिशत है। फिलहाल पेंशेंट केयर मेनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग को भी प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश में 31 जोखिम क्षेत्र (कंटेन्मेंट जोन) बनाए गए हैं, जहां बहुत सख्त व्यवस्था लागू है। उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पहले सप्ताह में प्रतिदिन सैम्पल का औसत एक था जबकि 16वें सप्ताह में यह औसत बढ़कर 834 हो गया है। यह जल्द ही 1000 प्रतिदिन हो जाएगा। देहरादून में लगभग 5500 प्रति मिलियन और नैनीताल में 3185 प्रति मिलियन जनसंख्या टेस्ट किए जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। अन्य जिलों में भी टेस्ट बढ़ाए जा रहे हैं। टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि राज्य में कोराना संक्रमित मामलों का विश्लेषण किया जाए तो इनमें 41 प्रतिशत में कोई लक्षण नहीं है, 53 प्रतिशत में बहुत ही मामूली लक्षण हैं, 4.5 प्रतिशत में मध्यम और 1.74 प्रतिशत अधिक लक्षण वाले हैं। स्पष्ट है कि उत्तराखंड में गम्भीर केस नहीं हैं।
अधिकांश प्रवासी लाए जा चुके
मुख्य सचिव ने बताया कि बाहर से प्रदेश में आने के लिए लगभग 2 लाख 62 हजार प्रवासियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 1 लाख 81 हजार लोगों को ट्रेन, बस या निजी वाहनों के माध्यम से लाया जा चुका है। अब लोग आने के लिए कम इच्छुक हैं। 28 मई को 98 हजार बल्क एसएमएस किए गए, जिनमें से लगभग 3 हजार लोगों ने ही आने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हालांकि स्थिति चुनौतीपूर्ण है, परंतु किसी तरह से घबराने या आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है। हमारी पूरी तैयारी है। धीरे-धीरे शिथिलता दी जा रही है। बाजार के खुलने के समय को शाम 7 बजे तक बढ़ाया गया है लेकिन कुछ सावधानियां रखनी जरूरी हैं।
मनरेगा के 18 हजार कार्य संचालित, 2.44 लाख श्रमिक कार्यरत
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में सभी जिलों में मनरेगा के काम चल रहे हैं। 18 हजार से अधिक मनरेगा के कार्यों में 2 लाख 44 हजार श्रमिक लगे हैं। 9760 नए जाॅब कार्ड बनाए गए हैं। इनमें से 6400 को काम भी उपलब्ध कराया गया है।
11 नए ग्रोथ सेंटर स्वीकृत, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
उन्होंने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आराकोट में मंडी परिषद के माध्यम से सेब का सॉर्टिंग व ग्रेडिंग सेंटर बनाया जाएगा। इससे हमारे सेब के उत्पादकों को अच्छी कीमत मिलेगी। प्रदेश में पहले से 83 ग्रोथ सेंटर स्थापित हैं। हाल ही में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 11 नए ग्रोथ सेंटर को मंजूरी दी गई है। इनमें पिथौरागढ़ के मुन्स्यारी में पक्षी पर्यटन, चमोली के गैरसैंण में मसाला व देवाल में शहद, नैनीताल के कोटाबाग में शहद और आर्गेनिक उत्पाद, रामगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण, अल्मोड़ा में नेचुरल फाइबर, उधमसिंह नगर के गदरपुर में मसाला, जसपुर में दुग्ध व उच्च गुणवत्ता की रजाई, उत्तरकाशी के रैथल में साहसिक पर्यटन पर आधारित ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसी प्रकार भीमताल में बेकरी, रामनगर में सोवेनियर, बागजला में ऐंपण के ग्रोथ सेंटर को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। इन ग्रोथ सेंटर से युवाओं और स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर मिलेंगे।