दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज की टीम ने छापा मारकर 196 नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन, पैकिंग डिब्बे और मशीन बरामद करके गैंग के 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। यहां से इंजेक्शन पैक करने के लिए काम आने वाले 3000 वायल्स भी पुलिस ने बरामद किए हैं। यह लोग नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन 25 हजार रुपये में बेचा करते थे।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड के कोटद्वार में नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन बनाने की दवा कंपनी का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में अब तक 5 लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है।इस गिरोह में कई और लोगों के भी शामिल होने की आशंका है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज के मुताबिक यह लोग 25 हज़ार रुपये में एक इंजेक्शन बेचते थे। इनके पास से रेमडेसिवर के 196 नकली इंजेक्शन बरामद हुए हैं। फैक्ट्री से इंजेक्शन पैक करने के लिए काम आने वाले 3000 वायल्स बरामद किए गए हैं। आरोपितों ने खुलासा किया कि यह गिरोह अब तक कोरोना मरीजों को 2000 से ज्यादा रेमडेसिवर के नकली इंजेक्शन बेच चुका है।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने हाल ही में नकली और असली रेमडेसिविर इंजेक्शन की पहचान करने के सम्बन्ध में एक ट्वीट भी किया था। क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली थी कि यह गैंग नकली इंजेक्शन बनाकर लोगों की परेशानी का फायदा उठा रहा है। दरअसल इस समय देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर मचाया हुआ है। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही वजह है कि अधिकांश जगहों पर इंजेक्शन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है और इसे ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते उत्तराखंड भी रेमडेसिविर की कमी से जूझ रहा है। उत्तराखंड को बीते मंगलवार को 7500 रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक खेप मिल गई। इस खेप से 1500 से 3000 मरीजों को फायदा होगा। कोटे के तहत इंजेक्शन का वितरण किया जा रहा है।