देहरादून। शांति प्रिय क्षेत्र उत्तराखंड अपराधों का आश्रय स्थल बनता जा रहा है। जिस ढंग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार तथा अन्य क्षेत्रों से बदमाशों ने उत्तराखंड में शरण ली है वह चिंता का कारण बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को बदमाशों से निपटने के लिए जो उपाय सुझाये है उससे बदमाशों में खलबली है जिसके कारण उत्तराखंड उनका साफ्ट टारगेट बनता जा रहा है। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर की पृष्ठभूमि से जुड़े कई बिल्डर आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं लेकिन पैसे के प्रभाव के कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
उत्तराखंड में बढ़ रही आपराधिक घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि यह काम बाहरी अपराधियों का ही है। पहले भी चेन छीनती थी लेकिन आग्नेस्त्रों का उपयोग नहीं होता था लेकिन अब आग्नेस्त्रों का उपयोग हो रहा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधियों का माॅडयूल है।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि प्रेमनगर के पेट्रोल पंप मालिक गगन भाटिया की कैश लूट में बिजनौर के अपराधियों का हाथ है। इसी तरह की घटनाएं क्लेमेंटाउन, नेहरू कॉलोनी और पटेलनगर थाने में घटी जिसमें पश्चिमी यूपी के अपराधियों का हाथ बताया जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय ने एक सर्वे कराया जिसमें छुटपुट घटनाओं पर एक आंकलन किया गया। इस आंकलन में पुलिस मानती है कि वाहनों की लूट व चेन स्नेचिंग 35 प्रतिशत अपराधी यूपी के हैं, पांच अन्य राज्यों के शेष उत्तराखंड के है।
गत वर्षों उत्तराखंड की एसटीएफ ने यूपी के के दो लाख रुपये के इनामी कौशल कुमार चैबे को गिरफ्तार किया। देहरादून से गिरफ्तार कौशल बलिया में 2004 टेंडर विवाद में चार लोगों की हत्या के बाद फरार था रायवाला के हरिपुर में गुमनामी में रह रहा था। कौशल कुमार चौबे निवासी चैन, बलिया, यूपी अपने पुत्र कीर्तिमान और दीप्तिमान चैबे से मिलने देहरादून आ रहा है। उसे रिस्पना पुल के पास एक होटल के सामने से गिरफ्तार किया। तलाशी में उसके पास से 0.40 की विदेशी ग्लॉक पिस्टल, 57 कारतूस और तीन मैगजीन बरामद की हैं। इसके अलावा इससे एक फोल्डिंग बट भी मिली है।
इसी तरह आधा दर्जन नाम और है जो बड़ी अपराधिक वारदातों के बाद छुप जाते हैं, उन्हें देहरादून पुलिस नहीं डूंढ पाती। पंजाब, हरियाणा तथा अन्य प्रदेशों के कई बदमाश उत्तराखंड में शरण लिए हैं, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। कई प्रापर्टी डीलर जो बिल्डिंग बनाने और बेचने का काम करते हैं उनके पास भी ऐसे अपराधियों का जमावड़ा है, वह स्वयं अपराधों को अंजाम देते हैं अथवा शरणदाता है।
पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार मानते हैं कि प्रदेश में अपराधिक वारदातें बढ़ी हैं। शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधियों की गतिविधियां बढ़ी हैं, हालांकि उन्हें रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। समय-समय पर छानबीन होती रहती है और आगे भी जारी रहेगी।