सोमवार की देर रात अलावलपुर गांव में एक विशालकाय मगरमच्छ ग्रामीण के घर में घुस गया। आधी रात के करीब लघुशंका के लिए उठे मकान मालिक की नजर उस पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी, लेकिन रात में वन विभाग के किसी कर्मचारी ने गांव में जाने की जहमत नहीं उठाई।
हरिद्वार के तटीय इलाकों में बरसात शुरू होते ही जलीय जंतुओं का आबादी में घुसने का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार की रात में लक्सर कोतवाली क्षेत्र के अलावलपुर गांव निवासी नरेंद्र के घर में एक विशालकाय मगरमच्छ घुस आया। आधी रात के लगभग नरेंद्र लघुशंका के लिए उठा तो चारपाई के पास पड़े विशालकाय मगरमच्छ को देखकर उसके होश उड़ गए। उसने भागकर जान बचाई और शोर मचाया। शोर शराबा सुनकर घर में सो रहे अन्य लोग व आस पड़ोस के ग्रामीण भी मौके पर आ गए। मौके पर ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से हांका लगाकर मगरमच्छ को खदेड़ने की कोशिश की तो वह ग्रामीणों की पर झपट पड़ा।
इस बीच मगरमच्छ ने घर के एक पालतू कुत्ते पर भी हमला बोल दिया। नरेंद्र ने इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी। ग्रामीणों के मुताबिक पूरी रात मगरमच्छ उनके घर में ही घुसा रहा, लेकिन वन विभाग के किसी भी अधिकारी ने रात में पहुंचकर मगरमच्छ को काबू करने की जहमत नहीं उठाई। इसके चलते ग्रामीण रातभर खौफ के साए में रहे। मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम गांव पहुंच कर ग्रामीणों के साथ मिलकर मगरमच्छ पर काबू पाया।
वन क्षेत्राधिकारी दिगंबर भारती का कहना है कि विभाग के कर्मचारी की मौत हो जाने के कारण विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी उसके अंतिम संस्कार के लिए गए थे।इसकी वजह से टीम को गांव में पहुंचने में समय लगा है। मंगलवार सुबह गांव पहुंचकर मगरमच्छ को पकड़कर सुरक्षित जल क्षेत्र गंगा नदी में छोड़ दिया गया है।