ऋषिकेश। श्यामपुर न्याय पंचायत का खदरी गांव अच्छी उपज के लिए देहरादून जनपद में पहला स्थान रखता है, लेकिन सरकारी उपेक्षा और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए उपाय न होने के कारण आए दिन जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को भारी नुकसान हो रहा है।
सोमवार की रात जंगली हाथियों का एक झुण्ड खादर के खेतों में घुस आया,ग्रामीणों ने लगातार थालियां, टीन बजाकर जँगली हाथियों को भगाने की कोशिश की जो नाकाम रही। उसके बाद लगातार पटाखे फोड़कर हाथियों को मुश्किल से खेतों से बाहर निकाला जा सका।लेकिन थोड़ी ही देर के बाद फिर से हाथी खेत में घुस आए। जिसकी सूचना सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जुगलान द्वारा वन विभाग को दी गयी। सूचना पर वन दारोगा सुरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में में पहुंचे वन सुरक्षाकर्मीयों का दल देर रात को जंगली हाथियों को भगाने में सफल हुए लेकिन तब तक काफी फसल का नुकसान हो चुका था।
पर्यावरणविद विनोद जुगलान का कहना है कि जंगल में हाथियों के प्रिय भोजन वाली पेड़ों की प्रजातियों की कमी और सहजता से उपलब्ध कृषि फसल के कारण जंगली जानवर खेतों की ओर रुख करने लगे हैं।लेकिन पक्के सुरक्षा तटबन्ध न बना कर जंगली हाथियों को पटाखे और बन्दूक के धमाके से भगाना हितकर नही है। इससे अन्य जंगली जानवर भी उत्तेजित होकर कभी भी हमला कर सकते हैं। यही कारण है कि जब भी मानव का जंगली हाथियों से अचानक सामना होता है तो वह हमलावर हो जाते हैं। इसके लिए बरसात के मौसम में जंगल में हाथियों के प्रिय पत्ती वाले पौधों का पौधरोपण होना जरुरी है। साथ नदियों में पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता होनी जरूरी है ।पानी की कमी के कारण गोहरी रेन्ज के हाथी गंगा नदी पार करके खेतों की ओर लगातार रुख करते आ रहे हैं। जंगली जानवरो से फसल सुरक्षा हेतु पक्के सुरक्षा तटबन्ध बनाने आवश्यक हैं । किन्तु सुरक्षा दीवार बनवाने में हमारे जनप्रतिनिधि असफल रहे हैं। यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य स्थापना के 18 वर्षों बाद भी किसान दिन रात अपने खेतों में रहने को मजबूर हैं किन्तु जनप्रतिनिधि सड़कों के शिलान्यास तक ही सीमित रह गए हैं। सोमवार रात धर्म पाल भट्ट,राजेश शर्मा,पन्ना लाल,दया राम,भगवान सिंह आदि के खेतों हथियों ने नुकसान पहुंचाया।