कृषि विभाग की पहल और किसानों की मेहनत रंग लाई तो आने वाले दिनों में पहाड़ों में मंडुवा की फसल न केवल आर्थिकी का जरिया बनेगी बल्कि किसानों को प्रति कुंतल के हिसाब से बोनस भी मिलेगा। वर्ष 2016-17 में किसानों को तीन सौ रुपये के हिसाब से बोनस मिला था। इस बार बोनस को लेकर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है।
सरकार की ओर से पहाड़ी क्षेत्रों में शुरु की गई मंडुवा उगाने की मुहिम आने वाले समय में कारगर साबित हो सकती है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां लोगों ने जंगली जानवरों से परेशान होकर या फिर रोजगार की तलाश में गांवों से निकल कर खेतों को बंजर छोड़ दिया है। वहां अब मंडुवा की फसल वरदान साबित हो सकती है।
कृषि विभाग की वर्ष 2016-17 की कार्ययोजना पर गौर करें तो तब तीन सौ रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से किसानों को बोनस देकर इसका लाभ भी मिला। इस बार हालांकि मंडवे की फसल पर कितना बोनस मिलना है यह शासन स्तर पर तय होना है लेकिन विभाग ने मंडुवा का अत्यधिक उत्पादन हो और अधिक से अधिक किसान मंडुवा उगाने के लिए आगे आए इसके लिए जनपद के सभी पंद्रह ब्लॉक, न्याय पंचायतों में अपने सहायक कृषि अधिकारियों के माध्यम से गोष्ठी, जागरुकता बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कलस्टर भी बनाए जाने हैं।
वर्ष 2016-17 में मिला बोनसःकृषि विभाग के अनुसार वर्ष 2016-17 में बेहतर मंडुवा उगाने पर थलीसैंण ब्लॉक के सुनार गांव की दर्शनी देवी को बोनस के रूप में 364 रुपये, इसी गांव की अषाड़ी देवी को भी 364 रुपए, खिर्सू ब्लॉक के बुडेसू गांव के रविंद्र सिंह को 280 रुपये, द्वारीखाल ब्लॉक के जवाड गांव की पुष्पा देवी को 560 रुपये तथा यमकेश्वर ब्लॉक के पटना मल्ला गांव की अनिता देवी को 112 रुपये मंडुवा उगाने के एवज में बोनस दिया गया।
जैसे ही शासन से आदेश मिलेंगे, किसानों को इसकी जानकारी देंगेः मुख्य कृषि अधिकारी पौड़ी गढ़वाल डीएस राणा का कहना है कि गत वर्ष मंडुवा उगाने पर प्रति कुंतल तीन सौ रुपये का बोनस किसानों को दिया गया है। इस बार अभी शासन स्तर पर इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त होने बाकी है। जैसे ही शासन से आदेश मिलेंगे, सहायक कृषि अधिकारियों के अलावा ब्लॉक स्तर पर भी बैठकें आयोजित कर किसानों को इसकी जानकारी मुहैया करा दी जाएगी।