कावड़ यात्रा धीरे धीरे अपने अंतिम चरण में पहुचने लगी है, अब डाक कावड़ की धूम है, ऋषिकेश-हरिद्वार से गंगा जल और नीलकंठ महादेव के दर्शनों के बाद अब कावड़िये अपने अपने घरो को लौटने लगे है। 21 जुलाई को पड़ने वाली शिवरात्रि में सभी शिवभक्त अपने अपने शहरों में पड़ने वाले शिवालयों में जल चढ़ाऐगे।
सावन की कावड़ यात्रा का उत्तराखंड में अंतिम चरण शुरू हो गया है, अब शिवरात्रि नजदीक है जिस के चलते सभी शिवभक्त जल लेकर अपने शिवालयों की और प्रस्थान करते है , अंतिम चरण में डाक कावड़ ही यात्रा शोभा है जिस ट्रेफिक व्यवस्था बनाये रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होता है। डाक कावड़ में दौड़ते हए गंगा जल को अपने गाँव, कसबे तक ले जाया जाता है जिसकी एक समय अवधि रहती, इस अवधि को जल ले जाने वाले दौड़ दौड़ कर जल ले जाते है। डाक कावड़िये बताते है की वो हर छह महीने में यहाँ कावड़ लेने आते है, कावड़ यात्रा के प्रति उनकी श्रद्धा बहुत है।