देहरादून। डीएवी पीजी कॉलेज में शिक्षक संघ चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया। आलम यह रहा कि शाम को परिणामों की घोषणा के बाद भी देर रात तक हंगामा चलता रहा। संघ चुनाव में प्रत्याशी पद के उम्मीदवारों ने चुनाव के बाद मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए रि-इलेक्शन की मांग की।
डीएवी पीजी कालेज शिक्षक संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर डॉ. यूएस राणा विजयी रहे। डा. राणा को 75 मत मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी डॉ. अशोक श्रीवास्तव को 49 मत पर समझौता करना पड़ा। वहीं, उपाध्यक्ष पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला। जहां एक ओर डॉ. सुनील कुमार ने 62 वोट हासिल किए, वहीं उपाध्यक्ष पद पर प्रतिद्वंद्वी डॉ. सविता रावत के खाते में 61 वोट पड़े।
सह सचिव पद पर चार वोट का रहा अंतर
सचिव पद पर डॉ. राजेश कुमार को 66 जबकि प्रतिद्वंद्वी डॉ. पारुल दीक्षित को 59 वोट। सह सचिव पद पर भी चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। पद पर डॉ. हरिओम शंकर 63 मत पाकर विजयी हुए, जबकि प्रतिद्वंद्वी डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने महज चार वोट से पीछे रहते हुए 61 मत प्राप्त किए। ग्रूटा प्रतिनिधि पद पर डॉ. अखिलेश चंद्र बाजपेयी को 55, डॉ. अंजू बाली पांडेय को 47, डॉ. अनुपमा सक्सेना को 76 व डा. मृदुला सेंगर को 62 वोट प्राप्त हुए। कार्यकारिणी में डॉ. नैना श्रीवास्तव, डॉ. दीपेंद्र निगम, डॉ. झरना बैनर्जी, डॉ. अमिता श्रीवास्तव, डॉ. अमित कुमार शर्मा, डॉ. निशा वालिया, डॉ. पुनित सक्सेना, डॉ. विनोद कुमार गुप्ता, डॉ. रवि शरण दीक्षित, डॉ. सुमन त्रिपाठी, डॉ. प्रगति बडथ्वाल, डॉ. मोनिशा सक्सेना, डॉ. सुंदर सिंह व डॉ. सुमन लता पांडे निर्वाचित हुए।
चुनाव प्रक्रिया में धांधली का लगाया आरोप
शुक्रवार को चुनाव के दौरान शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया। चुनाव में उम्मीदवारी कर रहे शिक्षकों ने चुनाव प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए रि-इलेक्शन की मांग की। दरअसल, उपाध्यक्ष पद पर महज एक वोट के अंतर से हार होने पर प्रतिद्वंदी प्रत्याशी डॉ. सविता ने चुनाव में धांधली का अरोप भी लगाया। पूरा मामला एक वोट के इनवैलिड होने के चलते शुरू हुआ। एक वोट पर मतदाता ने डॉ. सविता के नाम पर सही और प्रतिद्वंदी डा. सुनील के नाम पर क्रॉस का निशान लगाया हुआ था। जिसके चलते चुनाव समिति ने वोट को कैंसिल करार दिया। उस वक्त तो कोई विरोध देखने को नहीं मिला, लेकिन महज एक वोट का अंतर हार में होने के बाद कैंसिल हुई वोट का मुद्दा तूल पकड़ गया। हंगामा इस कदर भड़का कि शिक्षकों के चुनाव में भी कॉलेज में पुलिस फोर्स तैनात करने की नौबत आन पड़ी। देर रात तक दोनों पक्ष आमने सामने रहे। रि-इलेक्शन की मांग को लेकर अड़े रहे।
चार वोट पर सह सचिव पद पर हंगामा
दूसरी ओर सह सचिव पद पर भी महज चार वोट के जीत हार के अंतार को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सह सचिव पद पर भी चुनाव में कड़ा मुकाबला होने के बाद महज चार वोट के अंतर से हारने वाली प्रतिद्वंद्वी डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने आराप लगाया कि मतों की गिनती में गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि बंद कमरों में मतों में हेरफेर किया गया है। मामले में देर रात तक शिक्षकों ने दो गुटों में बंटकर जकर हंगामा किया।
फैसला होने तक ठटे रहने का एलान
शिक्षक देर रात तक चुनाव के परिणामों में धांधली की बात पर अड़े रहे। शिक्षकों ने चुनाव अधिकारी डॉ. पीएस नेगी से चुनाव को दोबारा कराए जाने की मांग की। लेकिन, चुनाव अधिकारी ने साफ इनकार कर दिया। जिसके चलते शिक्षकों का हंगामा बढ़ता चला गया। मौके पर पुलिस बल भी तैनात करना पड़ा। सीओ जया बलूनी भी देर रात तक कॉलेज में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए शिक्षकों को समझाने का प्रयास करती रही। लेकिन बात नहीं बनी। बाद में उम्मीदवार शिक्षकों ने चुनाव पर्यवेक्षक डा. हर्षवर्धन पंत से चुनाव में रि-काउंटिंग को लेकर अंतिम फैसला करने की मांग की। खबर लिखे जाने तक मामले में कोई भी फैसला नहीं हुआ। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण है।