मलबे का निस्तारणः ऐसे में तो नष्ट हो जायेंगे संरक्षित बांज के पेड़

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गोपेश्वर,  चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर नगर में गोपेश्वर-मंडल सड़क पर बंज्यांणी तोक में वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहां हो रहे मलबा निस्तारण से संरक्षित बांज के पेड़ दब गये हैं। इससे यहां बड़े पैमाने पर नये पौधे खराब होने लगे हैं। ऐसे में यहां स्थानीय लोगों ने वन विभाग से यहां मलबा निस्तारण पर रोक लगाने की मांग की है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो बंज्यांणी का वन क्षेत्र वन पंचायत के अधीन है। इसके कारण वन विभाग की ओर से सीधे कार्रवाई करने में दिक्कतें आ रही हैं।
गोपेश्वर-मंडल सड़क पर नगर से लगे बड़े हिस्से पर बांज का संरक्षित वन क्षेत्र है। लेकिन वन क्षेत्र में इन दिनों यहां नगर के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों से निकल रहे मलबे को यहां अनियंत्रित तरीके से निस्तारण किया जा रहा है जिससे यहां वन क्षेत्र में तैयार हो रही नई पौध खराब होने लगी हैं। स्थानीय निवासी हरीश भट्ट और सतेंद्र सिंह का कहना है कि मलबा निस्तारण से जहां सड़क किनारे मौजूद युवा पौधे आधे से अधिक दब गये हैं। वहीं नये पौध पूरी तरह से मिट्टी में दफन होने से खराब हो गये हैं। उन्होंने वन विभाग से मामले में कार्रवाई कर यहां मलबे के निस्तारण पर रोक लगाने की मांग उठाई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
गोपेश्वर नगर क्षेत्र से लगा बंज्यांणी वन क्षेत्र वन पंचायत गोपेश्वर गांव के अधिकार क्षेत्र में है जिसके चलते यहां संरक्षण का जिम्मा वन पंचायत का है। यदि कहीं भी मलबा निस्तारण से पौधों को नुकसान पहुंच रहा है तो इसे दिखवाया जाएगा तथा वन पंचायत के पदाधिकारियों से समंवय कर इस पर कार्रवाई की जाएगी, आरती मैठाणी, वन क्षेत्राधिकारी, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग।