अब ​नौसेना में मिलेगा महिलाओं को स्थायी कमीशन

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नौसेना
​सुप्रीम कोर्ट​ के पुरा​ने आदेश ​पर ​अब नौसेना में​ महिलाओं को स्थाई कमीशन होगा, ​​​​नौसेना ने स्थायी आयोग के लिए​ शुक्रवार को चयन प्रक्रिया पूरी​ की। ​​सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल  ​17 मार्च​को महिला अधिकारियों को कमांडिंग पद​पर ​स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था। ​इसके बाद नौसेना की गुजारिश पर कोर्ट ने महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन देने के अपने आदेश को लागू करने की समय सीमा 31 दिसम्बर तक बढ़ा दी​थी। ​​
– सुप्रीम कोर्ट ​का आठ माह ​पुराना आदेश​ ​अब तक लागू नहीं हुआ 
– ​अब महिलाओं के चयन के लिए ​नौसेना ने ​बनाया ​स्थायी आयोग
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने 2010 में ही सेनाओं में महिलाओं के कमांडिग पदों पर स्थायी कमीशन देने का आदेश जारी करते हुए कहा था कि महिलाओं को युद्ध के सिवाय हर क्षेत्र में स्थायी कमीशन दिया जाए। हाई कोर्ट का यह आदेश लागू नहीं किया गया बल्कि इस आदेश को 9 साल बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर होने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि वो वास्तव में पुरुषों से ऊपर हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि महिलाओं की शारीरिक क्षमता के मुताबिक उन्हें परमानेंट कमीशन नहीं ​दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी, 2020 को भारतीय सेना में महिलाओं को युद्ध के सिवाय हर क्षेत्र में स्थाई कमीशन​देने का आदेश दिया। 
​इसके बावजूद नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने की प्रक्रिया न शुरू होने पर 6 अगस्त, 2007 को नौसेना में भर्ती हुईं एसएससी जेएजी बैच की इकलौती महिला अफसर ने सुप्रीम कोर्ट में एक अलग से याचिका दायर की। इसमें उन्होंने नौसेना में महिलाओं के साथ लैंगिक आधार पर भेदभाव का दावा करते हुए कहा कि नौसेना में भी महिला अफसरों को समान मौके मिलने चाहिए लेकिन वरिष्ठता क्रम में आगे रहने के बाद भी पुरुष अधिकारी को तरजीह दी गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 17 मार्च, 2020 को नौसेना में भी महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिए जाने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने फैसले में कहा कि महिलाओं में भी पुरुष अफसरों की तरह समुद्र में रहने की काबिलियत है​​।
​सुप्रीम कोर्ट का 8 महीने पुराना आदेश भारतीय नौसेना में न लागू होने पर नौसेना ने कोर्ट से महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के अपने आदेश की समय सीमा बढ़ाने की गुजारिश की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश की समय सीमा 31 दिसम्बर तक बढ़ा दी थी। रक्षा मंत्रालय ने आज एक अधिकारिक बयान में बताया कि लघु सेवा आयोग (एसएससी) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के संबंध में 17 मार्च, 2020 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर ​​भारतीय नौसेना ने 18 दिसम्बर, 2020 को स्थायी आयोग के लिए चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब यह चयन आयोग पात्र महिलाओं का चयन करेगा जिसके बाद योग्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया जायेगा।
क्या है परमानेंट कमीशन? 
भारतीय सैन्य सेवा में महिला अधिकारियों की शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भर्ती की जाती है। इसके बाद वे 14 साल तक सेना में नौकरी कर सकती हैं। इस अवधि के बाद उन्हें सेनानिवृत्त कर दिया जाता है। 20 साल तक नौकरी न कर पाने के कारण रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन भी नहीं दी जाती है। सेनाओं में परमानेंट कमीशन मिलने के बाद कोई अधिकारी रिटायरमेंट तक सेना में काम कर सकता है और उसे पेंशन भी मिलती है। सेना में अधिकारियों की कमी पूरी करने के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन शुरू हुआ था। इसके तहत पुरुषों और महिलाओं दोनों की भर्ती की जाती है, जिन्हें 14 साल में रिटायर कर दिया जाता है और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलती। परमानेंट कमीशन के लिए केवल पुरुष अधिकारी ही आवेदन कर सकते हैं।