देहरादून का झंडा मेला 25 मार्च से, तैयारियां शुरू

0
1837
झण्डा
File image

देहरादून। राजधानी देहरादून में एतिहासिक झंडा मेला 25 मार्च से शुरू होगा। मेले को लेकर तैयारियों शुरू हो गई हैं। दर्शनी गिलाफ इस बार पंजाब के होशियारपुर जिले के केसर सिंह चढ़ाएंगे। फाल्गुन मास की पंचमी तिथि को ऐतिहासिक झंडे मेले के आरोहण के साथ ही मेले की शुरुआत होगी, जो करीब एक महीने तक चलेगी।
दरबार साहिब के व्यवस्थापक कैलाश चंद्र जुयाल ने बताया कि मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। 25 मार्च को होने वाले झंडे जी के आरोहण के लिए तैयारियां शुरू गई है। दरबार साहिब के पदाधिकारियों ने बताया कि 105 साल पहले केसर सिंह के पिता तेज सिंह ने गिलाफ की बुकिंग कराई थी।
उन्होंने बताया कि 18 मार्च को सहसपुर स्थित एसजीआरआर इंटर कॉलेज में भजन कीर्तन के बाद संगत की वापसी दरबार साहिब में होगी। 19 मार्च से देश-विदेश से संगतों का आना शुरू हो जाएगा। पंचमी 25 मार्च को सुबह 8 से 9 बजे तक झंडा जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू होगा। इसके बाद दही, धी, गंगाजल से स्नानकर कर करीब 10 बजे से सादा गिलाफ चढ़ाया जाएगा। वहीं सप्तमी को सेवकों की ओर से नगर परिक्रमा की जाएगी, जो सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए एसजीआरआर पब्लिक स्कूल बिंदाल पुल पहुंचकर आधा घंटा विश्राम करेगी। इसके बाद तिलक रोड, घंटाघर, पल्टन बाजार से रीठा मंडी होते हुए एसजीआरआर पब्लिक स्कूल भंडारी बाग होते हुए दरबार साहिब पहुंचेगी। इसी दिन पैदल संगत और पंजाब के श्रीमहंतों, मसंदों को पगड़ी और प्रसाद वितरण किया जाएगा।
व्यवस्थापक कैलाश चंद्र जुयाल ने बताया कि सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय का जन्म होली के पांचवें दिन हुआ था। सन् 1646 को पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुर में जन्म लेने वाले श्री गुरु राम राय को ही देहरादून का संस्थापक माना जाता है। उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल झंडेजी मेला आयोजित होता है। गुरु महाराज ने ही दरबार में लोक कल्याण के लिए विशाल झंडा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था।