एसडीजी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल मानते हैं कि स्वच्छ सर्वेक्षण में देहरादून के रैंकिंग में सुधार के शोरगुल के बीच नीति आयोग ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) अर्बन इंडेक्स जारी किया है। इसमें देहरादून की स्थिति औसत से काफी नीचे रही है।
गुरुवार को अनूप नौटियाल ने बताया कि वर्ष 2021-22 के जारी किये गये। इस इंडेक्स में देहरादून को देश के 56 शहरों में 35वां स्थान मिला है। इस इंडेक्स में पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को देशभर में पहला स्थान मिला है। कोयंबटूर और चंडीगढ़ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
नौटियाल के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए नीति आयोग ने यह इंडेक्स जारी किया है। स्थानीय स्तर पर डेटा आधारित सोच और सिटी मॉनिटरिंग तंत्र को विकसित करने की सोच से नीति आयोग ने यह रैंकिंग एसडीजी के 46 टारगेट और 77 इंडिकेटर्स के आधार पर की है। इसके लिए शहरों को शून्य से 100 तक अंक दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहर आर्थिक विकास के इंजन का काम करते हैं। नीति आयोग का स्पष्ट मानना है की शहरों को समग्र और संतुलित विकास के लिए डेटा आधारित निर्णय लेने की जरूरत है। एसडीजी इंडेक्स इसी दिशा में शहरों से परिवर्तन की अपेक्षा रखते हैं।
इस इंडेक्स में देहरादून का प्रदर्शन औसत से कम रहा है। 56 शहरों में से देहरादून को35वांस्थान मिला है। देहरादून ने 63.71 अंक हासिल किये, जबकि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला 75.50 अंक लेकर देशभर में पहले स्थान पर है। 73.29 अंक के साथ कोयंबटूर दूसरे और 72.36 अंक लेकर चंडीगढ़ तीसरे स्थान पर है। यानी कि देश के 34 शहरों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को स्थानीय स्तर पर लागू करने के मामले में देहरादून से बेहतर किया है और 21 शहरों की स्थिति देहरादून की तुलना में खराब रही है।