देहरादून में खुले स्कूल, पहले दिन 10 फीसदी बच्चे पहुंचे

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FILE/REPRESENTATIVE
कोरोना काल के सात माह के लंबे अंतराल के बाद सोमवार को 10 वीं और 12 वीं के स्कूल खुल गए। सरकार के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया गया। पहले दिन बच्चों की उपस्थिति  करीब 10 फीसद रही। स्कूलों के मुख्य गेट पर बच्चों का तापमान मापा गया। शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों को मास्क के साथ प्रवेश करने दिया गया।
पहले दिन चुनिंदा निजी स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई। इनमें वेल्हम ब्वॉयज स्कूल, चिल्ड्रन एकेडमी व अन्य स्कूल शामिल हैं। स्कूलों के प्रवेश द्वार पर अभिभावकों के सहमित पत्र देखे गए। दो गज की दूरी का ख्याल रखा गया। स्कूल परिसरों  में दूरी के लिए गोले बनाए गए। स्कूल भवनों को सेनेटाइज किया गया। कोरोना के प्रति छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए पोस्टर एवं फ्लेक्स भी लगाए गए हैं।
केंद्रीय विद्यालय में बच्चों से पहले ही उनकी मनपसंद विषय पूछे गए।पहले दिन वही विषय पढ़ाए गए। दसवीं के छात्र-छात्राओं की कक्षाएं सुबह 9 बजे से 11 बजे और बारहवीं के छात्र-छात्राओं की कक्षाएं 12:30 बजे से 3 बजे तक संचालित की गईं।  ऑफलाइन पढ़ाई के अलावा केंद्रीय विद्यालयों में लाइव ऑनलाइन पढ़ाई भी चलती रही। राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य  प्रेमलता बौड़ई ने बताया कि  कोरोना से बचाव के सभी इंतजार किए गए हैं।
आवासीय विद्यालय बंद:
देहरादून के ज्यादातर आवासीय स्कूल फिलहाल बंद रहेंगे। आवासीय स्कूलों में अभी तक केवल वेल्हम ब्वायज को ही खोलने की अनुमति मिली है। हिम ज्योति स्कूल ने निरीक्षण की अर्जी लगा दी है।  द दून स्कूल 29 नवम्बर को खुलेगा।  प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी वाईएस चौधरी का कहना है कि अभी दो आवासीय स्कूलों की ओर से अर्जी दी गई थी। हिम ज्योति स्कूल में भी जल्द टीम भेज दी जाएगी। सेंट जोसेफ, ब्राइटलैंड, सेंड जूड्स समेत अन्य प्रतिष्ठित स्कूल फिलहाल बंद रहेंगे। स्कॉलर्स होम ने सोमवार से बोर्ड कक्षा के छात्र -छात्राओं के लिए स्कूल खोला है।
प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि जिले में  15 -20 प्रतिशत स्कूल खुले। कई स्कूलों ने दीपावली के बाद स्कूल खोलने की बात कही है। देहरादून जिले में छोटे- बड़े करीब 800 सरकारी एवं निजी स्कूल हैं।। इनमें दसवीं एवं 12वीं की पढ़ाई करवाने वाले लगभग 500 स्कूल हैं। इसमें 168 सरकारी और 52 सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूल हैं। बाकी सभी सीबीएसई और सीआईसीएसई बोर्ड के निजी स्कूल हैं।