प्रधानमंत्री द्वारा ‘‘न्यू इण्डिया मंथन-संकल्प से सिद्धि‘‘ संकल्प के तहत साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य को साधने के लिये 4 मई, 2018 को कृषि विभाग एवं आईफेड के द्वारा परेड ग्राउण्ड, देहरादून में 11ः00 बजे से राज्य स्तरीय कृषि गोष्ठी एवं फार्म मशीनरी बैंक मेले का आयोजन किया गया है। इस मेले में लगभग 5 हजार किसानों द्वारा हिस्सा लिये जाने की उम्मीद है। मेले में कृषि एवं इससे सम्बन्धित विभागों, कृषि से जुड़ी संस्थाओं आदि द्वारा गोष्ठी स्थल पर नवीन तकनीकियों के प्रचार-प्रसार के लिये स्टाॅल लगाये जायेंगे और साहित्य उपलब्ध कराये जायेंगे।
सचिव पांडियन ने बताया कि, “प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात‘ में आजीविका समूहों का नाम लिया गया, यह राज्य के किसानों के लिए सम्मान की बात है, और निश्चित ही इससे किसानों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कृषकों की आय दोगुना करने में कृषि यन्त्रों के प्रयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। यंत्रीकरण के प्रयोग से श्रम एवं समय की बचत होती है तथा कृषि लागत में कमी आती है। प्रदेश की पर्वतीय कृषि मुख्य रूप से महिलाओं पर निर्भर है परन्तु इसके साथ-साथ कृषि कार्यों हेतु श्रमिकों तथा पशुओं की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है। कृषि यन्त्रीकरण के प्रयोग से महिलाओं पर श्रम का बोझ कम होगा तथा खेती करने में आसानी रहेगी।”
गौरतलब है कि राज्य का मैदानी इलाकी खेती तकनीकियों के प्रयोग के लिए अग्रणीय है, लेकिन लघु एवं सीमान्त इलाकों के किसानों के लिये यंत्रों की उपलब्धता फाॅर्म मशीनरी बैंक के माध्यम से ही की जा सकती है। किसान न्यूनतम किराए पर फाॅर्म मशीनरी बैंक से यंत्र लेकर कृषि कार्य कर सकते हैं। प्रदेश में 92 प्रतिशत लघु एवं सीमान्त कृषक हैं, जो कि आवश्यकता के अनुरूप कृषि यंत्र खरीदने में सक्षम नहीं होते हैं। इस दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा प्रथम चरण में प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एवं दूसरे चरण में ग्राम पंचायत स्तर पर एक-एक फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
भारत सरकार द्वारा कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश को वर्ष 2017-18 के वार्षिक लक्ष्य के अतिरिक्त 300 फार्म मशीनरी बैंक स्वीकृत किए गए हैं। इन फाॅर्म मशीनरी बैंको के लिए कृषक समूहों का चयन जनपदों द्वारा कर लिया गया है, जिन्हें कार्यक्रम में प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे। राज्य सरकार द्वारा इसके दृष्टिगत वर्ष 2017-18 में न्याय पंचायत स्तर पर फाॅर्म मशीनरी बैंक की स्थापना योजना स्वीकृत की गयी है, जिसके लिए वर्ष 2018-19 में 400 फार्म मशीनरी बैंक वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
बच्चों के लिए फूड मैन्यू और टेक होम राशन में स्थानीय उत्पादों के प्रयोग से उत्पादों के लिए लोकल मार्केट उपलब्ध होगी। इसके साथ-साथ आॅनलाईन शाॅपिंग साईट्स से भी बातचीत चल रही है। ‘हिलांश‘ नाम से ब्राण्डिंग की गयी है, जिसमें स्थानीय अनाज व दाले जैसे झिंगोरा, मंडुवा, मसाले आदि उत्पाद बेचे जा रहे हैं। कृषि विभागों के साथ-साथ आईफैड-आई.एल.एस.पी. एवं उद्यान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, ताकि किसानों के लिए कार्य करने वाले विभागों में आपसी समन्वय बढ़ सके।
फाॅर्म मशीनरी बैंक में मुख्य रूप से पावर टिलर, पावर विडर, थे्रसर/मल्टी क्राप थे्रसर/मण्डुवा थे्रसर, चैफ कटर, रोटावेटर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, ब्रश कटर, हैरो, कल्टीवेटर, सीड ड्रिल, रीपर कम बाईपर, पशुचालित यंत्र, छोट कृषि यंत्र, जल पंप, मानव चलित यंत्र, पावर स्प्रेयर, पंप सेट, जल संवहन पाईप आदि उपलब्ध कराये जाते हैं। फार्म मशीनरी के तहत 10 लाख रूपये तक के यंत्र रखे जा सकते हैं, जिसमें 80 प्रतिशत अनुदान देय है। 20 प्रतिशत धनराशि कृषक समूह द्वारा स्वयं अथवा बैंक ऋण के माध्यम से की जा सकती है।