हरिद्वार, केदारनाथ में गत 23 सितम्बर को क्रैश हुए हेलीकॉप्टर के बाद यात्रियों से दुर्व्यवहार को लेकर हरिद्वार के संत ने हेली कर्मचारियों के प्रति रोष व्यक्त करते हुए हेली कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है। संत का आरोप है कि सेवा देने वाली कंपनी अच्छा बर्ताव नहीं करती है।
प्रेस क्लब में जगतगुरु उदासीन आश्रम के स्वामी सुतीक्ष्ण मुनि ने कहा कि, “23 सितंबर को केदारनाथ से वापसी के लिए वे हेलीकॉप्टर में सवार हुए तो हेलीकॉप्टर एकदम जमीन से ऊपर उठते ही बहुत तेजी से घूमने लगा और जमीन पर बहुत जोर से लैंड करते हुए क्रैश हो गया। इसके बाद वे जैसे तैसे हेलीकॉप्टर से बाहर निकले। इस घटना में उन्हें और अन्य यात्रियों को चोट भी आईं। बावजूद इसके वहां खड़े हुए हेली कंपनी के किसी भी व्यक्ति ने और ना ही सुरक्षाकर्मी ने हेलीकॉप्टर के पास आने की जहमत उठाई। ना ही वहां कोई चिकित्सा का ही इंतजाम किया।”
चोटिल होने के बाद भी उन्हें वहां से जल्दी से जल्दी हैंगर से बाहर चले जाने को कहा गया। हेली सेवा देने वाली यूटी कंपनी ने यात्रियों की वापसी का इंतजाम भी नहीं कराया। इस कारण उन्हें व अन्य यात्रियों को चोटिल होने के बाद भी पैदल मार्ग से नीचे आना पड़ा। बतायाकि उन्होंने इस घटना की जानकारी देते हुए वहां अधिकारियों से संपर्क किया और अपना विरोध जताया। कहा कि घटना के बाद घटनास्थल के फोटो लेने की कोशिश की तो उनसे धक्कामुक्की करने की कोशिश की गयी। उन्हें वहां से जबरन धक्के देकर निकाल दिया गया।
सुतीक्ष्ण मुनि ने सरकार से यूटी हेली कंपनी के इस व्यवहार पर लाइसेंस निरस्त करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। गंग ज्योति सेवा मिशन ट्रस्ट के सदस्य भव्य नारायण ने कहा कि वे हेली कंपनी के इस कृत्य के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।