ऋषिकेश। घरेलू विद्युत बिलों को दो माह में दिए जाने के कारण उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से ज्यादा दरों का भुगतान करना पड़ रहा है। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की इस लापरवाही से उपभोक्ताओं की जेब प्रभावित हो रही है। समाजसेवी वाईएस भंडारी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को इस संबंध में एक पत्र प्रेषित कर उनसे दो माह में विद्युत बिलों की व्यवस्था समाप्त कर मासिक बिल दिए जाने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में अवगत कराया है कि विद्युत बिलों में दरों के अलावा फिक्स्ड चार्ज, क्षतिपूर्ति चार्ज, फ्यूल चार्ज, अधिभार एवं विद्युत कर आदि अन्य चार्ज भी लिए जाते हैं। यह तर्कसंगत नहीं है। इससे प्रति यूनिट में भी उपभोक्ताओं को अनावश्यक भार झेलना पड़ता है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से जनहित को देखते हुए व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की मांग की गई है।