नई दिल्ली, बैंक ऑफ बड़ौदा में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों देना बैंक और विजया बैंक का विलय एक अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। इसके साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा मौजूदा देश के सबसे बड़े बैंक, एसबीआई के बाद आईसीआईसीआई को पछाड़कर तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
बैंक आफ बड़ौदा में ट्रांसफर हो जाएंगे देना और विजया बैंक के अकाउंट
इस विलय के बाद देना और विजया बैंक के कस्टमर्स के बैंक अकाउंट अब बैंक ऑफ बड़ौदा में ट्रांसफर हो जाएंगे। गौरतलब है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल ने विजया बैंक और देना बैंक के शेयरधारकों को बैंक ऑफ बड़ौदा के इक्विटी शेयर जारी करने और आवंटित करने के लिए अंतिम तिथि 11 मार्च तय की थी।
इस विलय योजना के तहत विजया बैंक के शेयर धारकों को प्रत्येक एक हजार शेयर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिल जाएंगे। इसी तरह देना बैंक के शेयर धारकों को प्रत्येक एक हजार शेयरों पर बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर ही मिलेंगे।
विलय के बाद देश का तीसरा बड़ा बैंक होगा बैंक आफ बड़ौदा
विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। अभी 45.85 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के कारोबार के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पहले, 15.8 लाख करोड़ रुपए के साथ एचडीएफसी बैंक दूसरे नंबर और 11.02 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के साथ आईसीआईसीआई बैंक तीसरे स्थान पर है।
नए बैंक ऑफ बड़ौदा का कारोबार 15.4 लाख करोड़ रुपए का होगा। इस तरह से आईसीआईसीआई को पछाड़कर बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
आइए जानते हैं कस्टमर्स पर इसका क्या होगा असर
बैंक आफ बड़ौदा में विजया और देना बैंक के विलय का असर इन बैंकों के कस्टमर्स पर भी पड़ेगा। आइए जानते हैं उन पर क्या-क्या पड़ेंगा असर…
– ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है।
– जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे।
– एसआईपी या लोन ईएमआई के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
– नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी (इशू) हो सकता है।
– फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा।
– जिन ब्याज दरों पर व्हीकल्स लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।
– कुछ शाखाएं (ब्रांच) बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।
इन बैंकों का एसबीआई में हो चुका है विलय
गौरतलब है कि इससे पहले सबसे बड़े बैंक एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और दो नॉन-लिस्टेड बैंक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के साथ-साथ भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में विलय कर हो चुका है।