मौनी अमावस्या पर भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी 

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ऋषिकेश,  मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को तीर्थ नगरी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। साथ ही दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
देवभूमि ऋषिकेश में ठण्ड के बावजूद शुक्रवार तड़के से ही विभिन्न घाटों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने घाटों पर गंगा स्नान किया। साथ ही मंदिरों में भी शीश नवाया। इस दौरान मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं। नगर की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट पर सर्वाधिक भीड़ रही। इसके अलावा भक्तों ने शहर के पौराणिक चन्द्रेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव और वीरभद्रेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर शिव की पूजा-अर्चना की। प्राचीनतम श्री भरत मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा रहा।
मान्यता है कि इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। इस दिन मौन रखकर स्नान किया जाता है। साथ ही मौन व्रत लेकर प्रभु के नाम का मानसिक जाप किया जाता है।
ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र नौटियाल ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है। इस दिन किया गया दान-पुण्य का फल सतयुग के तप के बराबर मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है।
इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है। इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अधिक फलदायी है।