हरिद्वार। हरिद्वार नगर निगम जहां एक ओर बैनर पोस्टर लगाकर स्वच्छ सर्वेक्षण 2019, हम हैं तैयार का नारा दे रहा है। वहीं, धर्मनगरी की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। शहर की सड़कों पर गंदगी अंबार लगा हुआ है, जो स्वच्छ सर्वेक्षण के हवाई दावों की पोल खोल रहा है। इतना ही नहीं गंदगी के कारण बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि हरिद्वार में सफाई व्यवस्था के लिए एक प्राइवेट कंपनी केएलआर को जिम्मा दिया गया है।
धर्मनगरी में पसरी इस गंदगी से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि कूड़े का निस्तारण समय पर और सही तरीके से नहीं होता है। निलखुदाना में रहने वाले सुभाष सैनी बताते हैं कि कई दिन बीत जाने के बाद भी कोई कर्मचारी कूड़ा उठाने नहीं आता है। अधिकतर इलाकों से सफाई कर्मी ही गायब रहते हैं। बताया कि नगर निगम का कोई भी अधिकारी शहरभर में चरमराई सफाई व्यवस्था पर कुछ नहीं कर रहे हैं। शहर में कूड़े का निस्तारण समय पर ना होने से बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। वहीं अपर मुख्य नगर अधिकारी का कहना है कि नगर निगम से जुड़े नए क्षेत्र में सफाई व्यवस्था अभी सही तरह से शुरू नहीं हो पाई है, लेकिन वहां जल्द ही सफाई व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए सैनेट्री ऑफिसर के साथ निरीक्षण कर कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।