कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग मंत्री सुबोध उनियाल ने कृषि उत्पादन मण्डी समिति की तरह उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद को भी किसानों से सीधे औद्यानिक उत्पादों के खरीद की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा किसानों की आय को दोगुनी करने की है। इस दिशा में केन्द्र सरकार के नए कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी है।
गुरुवार को राजकीय उद्यान,सर्किट हाउस में मौनपालन की सम्भावना और गुणवत्तायुक्त मौन उत्पाद विषय पर बतौर मुख्य अतिथि विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल शिकरत करते हुए यह निर्देश दिए। इस मौके पर मंत्री ने विभागीय डिजीटल लैब का उद्घाटन और विभागीय बेवसाइट, फेसबुक, ट्वीटर एवं यू-ट्यूब चैनल का लोकार्पण किया। मंत्री सुबोध ने विभागीय बेवसाइट व अन्य सोश्ल मीडिया प्लेटफार्म पर अपडेट डाटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए। साथ ही इस प्लेटफार्मों पर उत्तराखण्ड के औद्यानिकी के क्षेत्र में क्षेत्रवार एवं फसलवार जोन बनाते हुए औद्यानिक विस्तार की सम्भावनाओं का आंकड़ा भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए।
मंत्री ने कृषि उत्पादन मण्डी समिति की तरह उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद को भी किसानों व उपभोक्ता के मध्य से बिचौलियों को हटाने के लिए सीधे औद्यानिक उत्पादों के खरीद की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिए। जिससे प्रदेश के किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। जब से मण्डी की ओर से मडुआ एवं चौलाई की खरीद प्रारम्भ की गई है तब से किसानों को दोगुनी आय हो रही है।
मंत्री ने कृषि कानूनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब एक देश एक बाजार का निर्णय से किसान देश के किसी भी बाजार में अपने उत्पादों को विक्रय कर सकते हैं। राज्य के किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए राज्य में पौधशाला अधिनियम लागू किया गया है।
मंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकांश भू-भाग पर औद्यानिक एवं कृषि उत्पादन जैविक होते हैं। इसलिए किसानों को राज्य के जैविक उत्पाद परिषद में अपना पंजीकरण अवश्य कराना चाहिए। इससे उनके उत्पाद के मूल्य में गुणात्मक वृद्धि प्राप्त होती है।
मौन उत्पादों के लिए किया जाएगा प्रेरित
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ. हरमिन्दर सिंह बवेजा बताया कि शहद उत्पादन के अलावा मौन उत्पादों जैसे पराग, रायलजैली, मौन विश, मोम आदि के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मौन पालन पर आधारित पुस्तक से पाठक मौन पालन की नवीनतम जानकारी से लाभ ले सकते हैं।
तकनीकी सत्रों में निदेशक शिवालिक नेचुरल प्रोडक्स अतर सिंह ने आजिविका के साधन के रूप मेें मौनपालन, योगेन्द्र पुनिया, निदेशक सनलाइट इण्डिया एग्रो प्रोड्यूसर कम्पनी लिमटेड ने परागण का औद्यानिक फसलों के उत्पादन पर प्रभाव की जानकारी दी। साथ ही अजय सैनी ज्योति ग्रामोद्योग संस्थान ने गुणवत्ता पूर्ण रानी मधुमक्खी का उत्पादन और निर्मल कुमार ऑनली एण्ड स्योरलि आरगेनिक, कनखल, हरिद्वार ने मौन पालकों की समस्याएं एंव समाधान विषय पर व्याख्यान दिया।
सत्र के अन्त में डॉ. राम बिलास यादव, अपर सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, उत्तराखण्ड शासन की उपस्थिति में मौन पालकों व विशेषज्ञों के साथ चर्चा एवं प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें मौन पालकों की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया गया। इस मौके पर अपर सचिव ने मौन पालकों को आश्वस्त किया गया कि सरकार एवं उद्यान विभाग कृषकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।