सोमवार को आपदा प्रबंधन ने एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में आपदा से निपटने के लिए बीमा को जोड़ा गया। ऐसे में आपदा को बीमा से जोड़ने के फायदे गिनाए गये की किस तरह आपदाओं से होने वाली व्यक्तिगत मानहानी से निकला जाए और क्या नए विकल्प बनाये जा सकते हैं। आपदा प्रभंधन के सचिव अमित सिंह नेगी ने बताया कि पूरे भारत वर्ष से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं और नए तरीके व सुझाव लिए जा रहे हैं और साथ ही इन्शयोरेंस प्रोडक्ट के बारे में जानकारी ले रहे हैं कि कैसे बिमा योजनाओं को आपदा से जोड़ा जाए ताकि उत्तराखण्ड वासियों को बीमा योजनाये से राहत मिल सके। साथ ही सरकार इस पर विशेष रुप से काम कर रही है क्यूंकि आपदा के कारण सरकार को काफी घाटा झेलना पड़ता है। इसलिए बीमा योजनाओं को किस तरह उपयोग में लाऐं इस चीज पर आपदा विभाग जुटी हुई है।
आपदा के कारण राजकोष पर बहुत असर पड़ा है ऐसे में इन नई योजनाओं को लागू करने से राजकोष पर घाटे का असर कम दिखेगा। बीमा योजना एक मात्र साधन है जिसे लोग अपने घर व व्यवसाय को सुरक्षित कर सकते है।
इस कार्यशाला में आई आर डी ऐ आई की मुख्य प्रबंधक येग्नाप्रिया भरत ने बीमा योजनाओं के बारे जानकारी दी और यह भी बताया कि यह योजनाएं बाहर देशों में अच्छे से काम कर रही है और भारत को बीमा योजनाओं की बहुत जरूरत है और पर्वतीय क्षेत्र में आपदा की समस्या बनी रहती है ऐसे में बीमा योजनाओं से लोगो को और सरकार को आर्थिक मदद मिल सकती है।