उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के विभिनन पदों पर भर्ती के लिए निकाली गई विज्ञप्ति में नया विवाद खड़ा हो गया है। यूनिवर्सिटी में विज्ञापित असिस्टेंट एसोसिएट व प्रोफेसर के पदों पर वेतनमान तो यूजीसी का रखा गया है लेकिन मानक अलग-अलग रखे गए हैं। बीते साल की विज्ञप्ति के हिसाब से उम्र सीमा में भी बदलाव किया गया है। जिससे आवेदकों में भारी रोष व्याप्त है।
यूनिवर्सिटी के शैक्षिक और चिकित्सालय संवर्ग के पदों पर एक बार फिर शुरू होने जा रही नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यूनिवर्सिटी के मुख्य परिसर, देहरादून, ऋषिकुल, गुरुकुल परिसर हरिद्वार में भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी की गई विज्ञप्ति में असिस्टेंट और प्रोफेसर पदों के लिए वेतनमान तो यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के नियमों पर रखा गया लेकिन मानकों के मामले में नियमों को अनदेखा किया जा रहा है। आयुर्वेद यूनिवर्सिटी ने शैक्षिक, तकनीकी व नर्सिंग संवर्ग सहित विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की है। इसके तहत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती होनी है। जारी की गई विज्ञप्ति में कोड संख्या एक से 18 तक विज्ञापित असिस्टेंट, एसोसिएट व प्रोफेसर के पदों को दिया जानेवाला वेतनमान तो यूजीसी का है पर मानक नहीं, जबकि पद कोड संख्या 19 से 23 पर विज्ञापित बायोटेक्नोलॉजी, सेल्युलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी, ह्यूमन एंड आयुर्वेदिक बायोलॉजी, क्लिनिकल फार्माकोलॉजी व फायटोकेमिस्ट्री जैसे पदों पर यूजीसी के मानक अपनाए गए है। एक ही विज्ञापन में वेतनमान तो सभी पदों पर यूजीसी के अनुसार दिया जाएगा लेकिन मानकों में विभिन्नता है.. यानी सहूलियत के हिसाब से मानक बना दिए गए।
आरक्षण के रोस्टर में भी पुरानी विज्ञप्ति और नई विज्ञप्ति में भिन्नता है यानी पिछली बार जिस अभ्यर्थी ने प्रोफेसर काय चिकित्सा, असिस्टेंट प्रोफेसर फीजियोलॉजी के लिए सामान्य श्रेणी में आवेदन किया था, इस विज्ञापन में उसे आरक्षित कोटे में डाल दिया। खास बात यह इन पदों के लिए तय उम्र सीमा को भी बदल दिया गया। आवेदकों ने आरोप लगाया कि यह कदम योग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से ही वंचित रह जाएं इस मंशा से उठाया गया हैं।
विज्ञापन में मजेदार यह है कि अस्पताल में स्टाफ नर्स, पंचकर्म थेरेपिस्ट आदि तो 42 साल तक की उम्र के चलेंगे लेकिन चिकित्साधिकारी यानि डॉक्टर 35 साल की उम्र सीमा का ही चलेगा, यानी नर्स (2 साल की डिप्लोमा वाली) बुजुर्ग हो तो कोई बात नहीं पर डाक्टर जवान चाहिए जबकि एक चिकित्सक को पढ़ते लिखते ही 35 साल हो जाते हैं।
पिछले वर्ष के विज्ञापन में इन सभी पदों पर एक समान यूजीसी के वेतनमान के अनुसार योग्यता और अधिकतम उम्र सीमा रखी गई थी। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अधिकतम उम्र सीमा 45 साल थी जिसे नई विज्ञप्ति में घटा कर 40 साल कर दिया है, यानी 40 से 45 साल की उम्र के आवेदक इन पदों पर आवेदन करने से ही वंचित रह जाएंगे। पिछले वर्ष के विज्ञापन में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के विज्ञापित पदों में यूजीसी के मानकों के अनुरूप अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। जबकि इस साल यह भी निर्धारित की गई है। आवेदकों ने पूरे मामले को यूनिवर्सिटी द्वारा सोची समझी योजना करार दिया। मामले में आवेदकों ने न्यायालय की शरण में जाने की बात कही है।