हरिद्वार, सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर जनपद में 30 ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) चिन्हित किए गए हैं। जिलाधिकारी ने इन सभी स्थानों पर दुर्घटना निवारण उपाय करने के निर्देश दिए हैं।जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि दुर्घटना में मृतक आश्रितों को तत्काल मुआवजा प्रदान करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी दीपेंद्र चैधरी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक वर्ष में चार बार अयोजित की जाती है, बैठक में समिति के सम्बन्धित विभागीय अधिकारी एएसपी टीसी मंजूनाथ एआरटीओ प्रशासन तथा प्रवर्तन समिति के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
डीएम ने सार्वजनिक सेवायान से दुर्घटना की स्थिति में उत्तराखण्ड दुर्घटना राहत निधि से वितरित मुआवजा धनराशि के प्रकरणों की समीक्षा की। एआरटीओ ने बताया कि मार्च 2019 तक के सभी चैक तहसीलों के माध्यम से वितरित कर दिए गए हैं।
इस वर्ष के लिए बजट की मांग शासन से की जा चुकी है जो शीघ्र ही प्राप्त होगा। डीएम ने सड़क दुर्घटनाओं के प्रति सड़क निर्माण विभागों, पुलिस एवं यातायात विभाग को संवेदनशीलता से निर्णय लें। किसी भी एक व्यक्ति की मृत्यु सड़क दुर्घटना में होने के कारण पूरे परिवार के प्रभावित करने वाला होता है। विभाग इसे नैतिक और मानवीय दृष्टिकोण से देंखे।
विशेष रूप से इंजीनियरिंग विभाग जो सड़क निर्माण के कार्य करते हैं। यदि कोई एक एजेंसी मार्ग बनाते समय दूसरे विभाग द्वार छोड़ी गयी खामी को उसकी गलती समझ न छोड़े और वह उस मार्ग में हुई कमी को अपना मार्ग बनाते समय मानवता के आधार पर सुधार कर ले तो कई जीवन सुरक्षित किए जा सकते हैं। एक दूसरे का कार्य न समझते हुए इसे जनहित का कार्य अपने स्तर पर टाल मटोल की स्थिति से बंचे।
जनपद में सड़क दुर्घटनाओं के संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पाॅट) का चिन्हिकरण एवं उनका निवारण किस प्रकार किया गया इसकी भी जानाकरी डीएम ने ली। जनपद में कुल 30 स्थानों पर ब्लैक स्पाॅट चिन्हित किए गए हैं।सभी का निरीक्षण समिति कर चुकी है एवं जरूरी दिशा निर्देश दिए गए थे। इन स्थानों पर कुछ जगह अभी सुरक्षा कार्य होना शेष है। एनएच 74 पर प्राथमिक सुरक्षा उपाय कर लिए जाने के कारण ब्लैक स्पाॅट पर एक्सीडेंट बंद हो जाने के कारण इसको बाहर किया गया है।
जनपद की सड़कों पर क्रैश बैरियर, सूचना संकेत बोर्ड, ट्रैफिक काॅमिंग के कार्यो की भी समीक्षा की। डीएम ने सड़क और यातायात के नियमों तथा दुर्घटना की स्थिति में पुलिस तथा प्रशासन की ओर से किये जाने वाले राहत कार्यो की सूचनाओं और जानकारियों का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने के निर्देश एआरटी व पुलिस को दिये।