जिला मुख्यालय के नजदीकी बुडोगी व जड़धार गांव पहुंचकर जिला अधिकारी इवा श्रीवास्तव ने काश्तकारों से सीधा संवाद कर उन्हें नेपियर घास उगाने की सलाह दी और कहा कि इससे काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत होगी। काश्तकारों की जरुरतों को देखते हुए जिले के सभी नौ ब्लॉकों में एक-एक हेक्टेयर भूमि पर नेपियर घास लगाने का लक्ष्य कृषि विभाग को दिया गया है। नजदीकी गांव के लोग डीएम को पहली बार अपने बीच पाकर काफी खुश भी नजर आये।
गुरुवार को डीएम इवा ने जिला मुख्यालय के नजदीकी बुडोगी व जड़धार गांव में कृषि विभाग के आयोजित पौध रोपण एवं कृषि यंत्र वितरण कार्यक्रम में शिरकत करते हुए काश्तकारों के प्रोत्साहन के लिए टिशु कल्चर से तैयार नेपियर घास के साथ ही चारापत्ती व फलदार पौधों को रोपण किया।
इसके बाद डीएम ने काश्तकारों को कृषि यंत्रों को भी वितरण किया। जनपद में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए डीएम ने किसानों से अपील की। बुडोगी में 1960 में बने 2 लाख 60 हजार लीटर क्षमता वाले पानी के पुराने टैंक के जीर्णोंधार कराये जाने पर ग्राम वासियों ने डीएम का आभार जताया।
काश्तकारों से बातचीत कर डीएम ने बताया कि नेपियर घास पशुओं के लिए अत्यधिक पौष्टिक आहार है जिसमें लगभग 18 प्रतिशत प्रोटीन पाई जाती है। पहाड़ों में खेतों की मेड़ों व बंजर भूमि पर नेपियर घास के रोपण से एक ओर जहां भूमि का उपयोग हो सकेगा, वहीं इसकी पौष्टिकता से दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। इसके साथ ही इसके वृहत स्तर पर रोपण से महिलाओं को दूर जंगलो में चार पत्ती के ढुलान के लिए नहीं जाना पड़ेगा। जंगली जानवरों से उत्पन्न खतरों से भी बचाव होगा।
उन्होंने कहा कि नेपियर घास की पौष्टिकता से दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होने से काश्तकारों की आर्थिकी में वृद्धि होगी। जड़धार गांव के काश्तकारों की मांग पर कृषि भूमि की जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए घेरबाड़, स्थानीय फलदार प्रजाति के वृक्षों को बढ़ावा दिए जाने व हेंवल नदी में 5 चेकडेम निर्माण को लेकर जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही के निर्देश दिये।