हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत ने भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत नमामि गंगे योजना में चण्डीघाट के नीचे बनाये जा रहे गंगा घाटों का शुक्रवार को स्थलीय निरीक्षण किया। योजना के अंतर्गत हरिद्वार जनपद में चण्डीघाट सहित चार स्थानों पर यह कार्य चल रहे हैं। इनमें श्यामपुर, भोगपुर, बालावाली शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने वाप्कोस लिमिटेड द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रोजेक्ट मैनेजर तथा साइट इंजीनियर से ली। योजना कार्यों को कर रहे इंजीनियरों ने प्लान नक्शे की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी को बताया कि योजना के तहत कुल 41,872 स्क्वायर मीटर के एरिया पर घाट का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सामान्य स्नान घाट के अलावा महिलाओं के लिए स्नान घाट तथा वस्त्र बदलने के कक्ष, अंत्येष्टी घाट व शौचालय, जिनकी सप्लाई के लिए एसटीपी बनाए जाएंगे। लगभग 75 वाहन क्षमता की कार व बस पार्किंग सहित हरियाला के लिए निर्धारित एरिया में हरित प्रांगण बनाया जाएगा। अंत्येष्टी के लिए आने वाले यात्रियों के लिए पूजा करने व बैठने के लिए पक्के शेड भी बनाये जा रहे हैं।
योजना प्रबंधक ने जिलाधिकारी रावत को बताया कि हरिद्वार चण्डीघाट के नीचे बन रहे घाटों के निर्माण कार्य 36 माह में पूर्ण करने की अवधि भारत सरकार द्वार निर्धारित की गई है। कार्य दिसम्बर तक समाप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यों की अनुमानित लागत 50 करोड़ है, जिसमें से 12 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता तथा निर्माण में वैज्ञानिक तथ्यों की परख समय-समय पर सिंचाई तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाती रहेगी। अधिकारी इस बात पर विशेष रूप से माॅनिटरिंग करेंगे कि घाट निर्माण से भविष्य में पुराने पुल को कोई क्षति तथा आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो सके।