चमोली जिलाधिकारी ने मंगलवार को राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय सैकोट का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा एवं पौष्टिक आहर न दिए जाने तथा स्कूल मैनेजमेंट में कई खामियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विद्यालय अधीक्षक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। विद्यालय अधीक्षक को सभी खामियों को तत्काल दूर करते हुए व्यवस्थाओं दुरूस्त करने को कहा। इस दौरान उन्होंने बच्चों के पठन पाठन, भोजन, आवास, साफ सफाई, खेलकूद, रसोईघर, कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण भी किया। उन्होंने बच्चों से बातें करते हुए उनकी समस्याओं को भी जाना।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा छह के बच्चों से गणित व अंग्रेजी विषयों के कुछ सवाल पूछे। जिसका बच्चे संतोषजनक जबाव नही दे पाए। बच्चों की कांपियों देखने पर पता चला कि शिक्षकों के जांचने के बाद भी उसमें कई गल्लतियां है, जो ठीक नही की गई। इस पर जिलाधिकारी ने कडी नाराजगी व्यक्त करते हुए विद्यालय अधीक्षक को बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। इस दौरान बताया गया कि विद्यालय में अध्यापकों के आठ पद है जिसमें से दो रिक्त चल रहे है तथा दो शिक्षक कही और संबद्व किए गए है। जिस पर जिलाधिकारी ने शिक्षकों का अयंत्र संबद्धिकरण तत्काल समाप्त करने व रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की मांग के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा सभी शिक्षकों को पूरे समय अविवार्य रूप से कैंपस में ही रहने को कहा गया। जिलाधिकारी ने बेहतर शिक्षा दिए जाने की हिदायत देते हुए कहा कि राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं। उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जिलाधिकारी ने आश्रम पद्वति विद्यालय में रसोईघर, भोजनालय, छात्रावास, पुस्तकालय, शौचालय, स्टोर रूम, सुरक्षा एवं साफ सफाई व्यवस्था का निरीक्षण भी किया। रसोई घर में जाकर खाद्य सामग्री के ब्रांडों को भी देखा। किचन में मसाले, दाले व अन्य सामग्री गंदे खुले डिब्बों में रखने जाने पर उन्होंने विद्यालय अधीक्षक को जमकर फटकार लगाते हुए भोजन व्यवस्था के लिए नियुक्त ठेकेदार से किए गए अनुबंध को तत्काल समाप्त करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक नरेश कुमार हल्दानी, खंड शिक्षा अधिकारी दर्शन लाल टम्टा, समाज कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र लाल आदि मौजूद थे।