उत्तराखंड राज्य के जंगलों और फूल-पत्तियों की वजह से इसे गोल्डेन लैंड यानि की सुनहरा राज्य भी कहा जाता है।लेकिन राज्य में विकास के नाम पर हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं, जो पर्यावरणविदोदं के लिये परेशानी का सबब बन गया है।
इस माहौल में भी बहुत से लोग हैं जो वृक्ष संरक्षण में लगे हुए हैं।ऐसे ही 45 साल के वृक्षमित्र डॉ तिलक सोनी कई सालों से पेड़ों को बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं। इनकी सबसे खास बात है इनका पहनावा जो अपने आप में ही लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। जी हां, डॉ तिलक सोनी हमेशा हरे कुर्ते पजामे और हरी टोपी के साथ दिखते हैं। इनके पहनावे का मक्सद ही है लोगों तक हरियाली का संदेश पहुंचाना। पिछले 20 सालों में डॉ सोनी ने लगभग 10 हजार से ज्यादा पेड़ भेंट किए हैं, जिसमें 700 पौधे देश के बड़े नेताओं और खास लोगों को दिये गये हैं। चमोली के पूर्णा गांव, में पैदा हुए तिलक सोनी किसानों के घर से संबंध रखने वाले हैं।
इस बाबत न्यूजपोस्ट से हुई बातचीत में डॉ तिलक सोनी ने बताया कि, ”बहुत कम उम्र से ही मैं यह समझ गया था कि अगर हमारे आस-पास पेड़ पौधे नहीं हैं तो कुछ नहीं है।” उन्होंने बताया कि, “जब मैं बहुत छोटा था तब मेरे माता-पिता के जरिए मुझे एक बात समझ में आ गई थी कि जीने के लिए पेड़ों का होना जरुरी हैं चाहे वह इंसान हो या जानवर।” उन्होंने बताया कि, “ग्रामीण परिवेश में पालन-पोषण होने की वजह से मैंने बचपन से पहाड़ों को बहुत पास से देखा है और सारी तकलीफें महसूस की हैं। जब बचपन में हमारे गाय-भैस के लिए चारा नहीं होता था तब मेरे माता-पिता पौधारोपण करते थे बस यहीं से मेरी शिक्षा शुरु हुई और यहीं मेरी प्रेरणा बना। सोनी बताते हैं कि, “मैं बचपन में अपने माता-पिता को जगह-जगह पौधारोपण करते देखता था और इनसे प्रेऱणा लेकर आज में वृक्षमित्र के नाम से जाना जाता हूं।”
आपको बतादें कि वृक्षमित्र डॉ तिलक सोनी सन् 1998 में अपनी पहली पोस्टिंग माध्यमिक शिक्षा विद्यालय,जोशीमठ में होने के साथ ही पेड़ों को सुरक्षित रखने का संदेश देने लगे थे।आज 2018 में उन्होंने 400 से ज्यादा कार्यक्रमों में भाग लेकर लोगों को वृक्षारोपण का संदेश दिया है, साथ ही डॉ सोनी ने अपने 10 छात्रों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा उठाने की ज़िम्मेदारी भी अपने ऊपर ली है।
बीते दिनों देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान समारोह में पर्यावरण संरक्षण, संबर्द्धन, वृहद पौधरोपण तथा शुभकार्यो, राष्ट्रीय पर्वो, त्योहारों, नवजात शिशु जन्म, नामकरण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, सगाई, विवाह, शादी की सालगिरह, जन्मदिन, स्थानीय व धार्मिक मेलो, मृत्यु, तेरवी, श्राद्ध, तथा विशेष दिनों पर पौधरोपण के लिये जन जन को जागरूक व प्रेरित करने के क्षेत्र में अग्रीण कार्य करने पर नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति द्वारा वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चन्द्र सोनी को सम्मानित भी किया गया।
अपने हरे चोले के बारे में डॉ सोनी बताते हैं कि, ‘जब मैं इस कपड़ों में बाहर चलता हूं तो एक ना एक बार हरा देखने वाले को यह संदेश तो मिलता होगा ही कि यह पेड़ और हरियाली से संबधित हैं।बस इसी संदेश को लोगों तक पहुंचाने और लोगों से यह अपील करने की अपने आसपास लगे पेड़ों को काटना बंद करे और ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें मैं यह कपड़े पहनता हूं। बचपन में मेरी मां मुझे मेरे पिताजी को पेंड़ देने भेजती थी उसी परंपरा को आगे बढ़ाकर मैने वृक्ष भेंट आंदोलन शुरु किया जो लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए बेहतर कदम है।”
इस चोले की खास बात यह है कि यह पूरा हरे रंग का हैं और कुर्ते के जेब पर लिखा है वृक्षमित्र जिस नाम से आज डॉ सोनी को जाना जाता है। न्यूजपोस्ट वृक्षमिकत्र डॉ तिलक सोनी को उनके इस काम के लिए सलाम करता है।