देहरादून शहर को स्वच्छ बनाने के लिए भले ही इन दिनों सरकारी तंत्र झाड़ू लेकर सड़कों पर उतर रहा हो लेकिन शहर की गंदगी का एक बड़ा हिस्सा पछवादून की दूरस्थ पंचायत सोरना में इसी नाम से बहने वाली नदी में डाला जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा विरोध दर्ज कराने के बावजूद हर रोज नदी को प्रदूषित किया जा रहा है।
दरअसल गांव में सुअर का एक बाड़ा बना हुआ है। यहां पलने वाले सुअरों के लिए देहरादून की होटलों से अपशिष्ट भोज्य पदार्थ वाहनों में भर कर मंगाया जाता है। पालीथिन व पेटियों में आने वाले अपशिष्ट सुअरों को खिलाने के बाद बचा हुआ भोज्य पदार्थ व पॉलीथिन, पेटियां सोरना नदी के किनारे डाली जा रही हैं। गांव की सीमा में बहने वाली नदी में गंदगी डालने से गांव में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
बताया जा रहा है कि गंदगी के चलते कुछ ग्रामीणों ने पलायन भी कर दिया है। हैरत की बात है कि शहरों को स्वच्छ बनाने का दावा करते हुए सड़कों पर झाड़ू लेकर उतरने वाले सरकारी कारिंदों की निगाह प्रदूषित हो रही नदी की ओर नहीं जा रही है। जबकि यही नदी ग्रामीणों के पेयजल का मुख्य स्रोत है। देहरादून की गंदगी नदी में डालने से ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही नदी जल भी प्रदूषित हो रहा है। उधर, एसडीएम जितेंद्र कुमार ने बताया कि नदी किनारे गंदगी डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।