दहेज के लिए आज भी बेटियों का शोषण होता है और पति की मार से सहमी बेटी आज भी दर्द में जीने को मजबूर हैं। जी हां महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के अधिकार के भले ही कितने बडे बडे दावे किये जाते हों मगर हकीकत तो ये हैं कि आज भी बेटी ससुराल में दहेज के उत्पीडन का दंश झेलने को मजबूर है। बात काशीपुर की है जहां एएसपी कार्यलाय के बाहर हाथ पैरों पर पट्टी बांधे एक युवती न्याय मिलने का इन्तजार कर रही थी।
एक साल पहले कई सपने संजोकर विवाह की सारी रस्में निभाते हुए अपने पति के घर पहुंची प्रीति को शादी के एक माह तक तो सबका प्यार मिला लेकिन दहेज के लोभियों की भूख इतने में नहीं पुरी हुई और लगातार ही दहेज के लिए प्रीति पर दबाव बनाना शुरु कर दिया गया। मारपीट हुई, खरीखोटी सुनाई लेकिन किसी तरह से घर की लाज बचाती रही प्रीति, लेकिन जब पानी सर से उपर हो गया तो अपनी आप बीती अपने पिता से कह दी, जिसके बाद दहेज उत्पीडन को लेकर मामला काफी समय तक चलता रहा। किसी तरह से पुलिस महिला हेल्प लाईन की मदद से पति-पत्नी एक हुए मगर ये भी ज्यादा दिन नहीं चला और प्रीति ने आरोप लगाया कि उसके गहनों के लालच में उसे तीन मंजिले भवन से नीचे फेंक दिया गया।
एएसपी का कहना है कि उनके संज्ञान में मामला आया है वो इसकी जांच करायेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस के अनुसार फिलहाल प्रीति पर ही अटेम्पट टू सुसाईड का कैस दर्ज है और उनके अनुसार प्रीति के आरोप भी बेबुनियाद है। मगर शरीर पर लगे चोटों के निशान और टूटे हाथ पैर कुछ और ही बयां कर रहे हैं जो शायद पुलिस को नहीं दिखाई देते हैं। महिला का दर्द समझने के बजाय उसके साथ कोतवाली में की गयी बर्बता से अब प्रीति को पुलिस से भी न्याय की कोई उम्मीद नहीं है, वहीं देखना होगा कि आखिर उच्च अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद क्या कार्यवाही होती है।