दशहराः कब करें पूजन और पुतला दहन

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(हरिद्वार) असत्य पर सत्य तथा अधर्म पर धर्म की जीता का पर्व विजय दशीमी (दशहरा) शुवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। तभी से यह परम्परा चली आ रही है। विजयदशमी का त्योहार इस 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दशमी पर रावण दहन को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई है। कारण है पंचकों का आरम्भ होना। शास्त्रोक्त मान्यता है कि पंचकों के दौरान रावण का पुतला दहन करना शुभ नहीं होता। पं. प्रदीप जोशी के अनुसार इस बार दशमी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से आरम्भ हो जाएगी। जो 19 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। 19 अक्टूबर को सांय बजे से पंचक काल आरम्भ हो जाएगा। पंचकों में रावण का पुतला दहन करना अशुभकारी बताया गया है। इस कारण सांय बजे से पूर्व रावण दहन करना श्रेयस्कर होगा। यदि ऐसा नहीं किया जा सकता है तो रावण के पुतले के साथ पांच अन्य पुतलों का भी दहन करना चाहिए। अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक पूजा का समय बताया गया है। इस दिन शस्त्र पूजा का भी विधान है। हरिद्वार के अखाड़ों में शस्त्र पूजन करने की परम्परा पुरातन काल से चली आ रही है। इस दिन शमी की पूजा भी की जाती है।