द्वाराहाट के इस स्कूल का इंग्लिश का रिजल्ट चार सालों से रहा है सौ प्रतिशत

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”शिष्य के धन का हरण करने वाले गुरू बहुत से हैं लेकिन शिष्य के दुःख को हरने वाला गुरू दुर्लभ है ” और हमारी आज की कहानी ऐसे ही एक गुरु की है।

रुद्रप्रयाग की रहने वाली डॉ अमिता प्रकाश इस समय द्वाराहाट के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की सहायक अध्यापिका हैं। तीन मास्टर्स की डिग्री के साथ डॉ अमिता ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से पी.एच.डी किया है और यूसेट 2012 उत्तराखंड और यूजीसी सीबीएसई नेट 2017 भी क्लियर किया है। द्वाराहाट के राजकीय बालिक इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाली डॉ अमिता प्रकाश इंग्लिश की अध्यापिका हैं।

15 साल के शिक्षण अनुभव के साथ वो जिस स्कूल में पढ़ाती हैं वहां का रिजल्ट अच्छा आता हैं। खास बात यह है कि द्वाराहाट के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में पिछले 4 सालों में इंग्लिश का रिजल्ट सौ प्रतिशत रहा है। जहां बच्चे अंग्रेजी पढ़ने में हिचकिचाते हैं वहीं डॉ अमिता के प्रयासों से आज सौ प्रतिशत रिजल्ट आता है।

जब हमने डॉ अमिता प्रकाश से बात की तो उन्होंने हमे बताया कि मेरे हिसाब से मैं कुछ ऐसा नहीं कर रही जो बहुत महान है। एक शिक्षक की जिम्मेदारियों को निभाना ही मेरा काम है और मैं वही कर रही हूं।डॉ अमिता ने कहा कि हालांकि जो बच्चे ट्यूशन के बल पर अपने पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें किसी के पास ट्यूशन लेने से मना करती हूं और उन्हें एक्सट्रा क्लास के माध्यम से उनपर विशेष ध्यान देती हूं।

आज का समय डॉ अमिता ने बच्चों के लिए एकलव्य प्रकाशन की किताबें जैसे कि चमक पत्रिका, प्रतियोगिता दर्पण और यंग इंडिया वीकली पेपर अपने खर्चे से लगाए हैं ताकि यह बच्चे आगे आने वाले समय में ऐसी परीक्षाओं के लिए तैयार रहें।

इसके अलावा कुमाऊंनी पत्रिका पहरु भी बच्चों के लिए लगाई है जिससे वह अपने बोल-चाल की भाषा और अपनी संस्कृति से जुड़े रहें। ना केवल पढ़ाई के क्षेत्र में बल्कि समाजिक स्तर पर भी यह अध्यपिका बच्चों की काफी मदद करती हैं। जैसे कि आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों का जन्मदिन स्कूल में मनाना, उन्हें गिफ्ट देकर प्रोत्साहित करना।

डॉ अमिता के कामों की लिस्ट काफी लंबी है लेकिन उनके कुछ ऐसे काम जिनसे बच्चों को आगे बढ़ने और पढ़ने का हौसला मिलता है वह इस तरह से हैं।

9-12 तक की छात्राएं जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है उनकी फीस,किताबें और यूनिफ़ॉर्म भी डॉ अमिता उपलब्ध कराती है।

बीते दिनों उनके कुछ स्टूडेंट के माता-पिता बहुत जागरुक नहीं थे उनके लिए डॉ अमिता ने उनके साथ जाकर उनका फिजिकली हैंडिकेप्ड का सर्टिफिकेट बनावाया जिससे उन्हें आगे चलकर परेशानियों का सामना ना करना पड़े।

इसी साल डॉ अमिता की मदद से हैंडिकेप्ड सर्टिफिकेट बनवाने के बाद उनकी एक छात्रा का एमबीबीएस में सेलेक्शन भी हुआ है जो देहरादून से एमबीबीएस कर रही है।

अपने इस सभी सहयोग और काम के लिए डॉ अमिता को अलग-अलग मौकों पर बहुत सारे सम्मान भी मिले हैं। डॉ अमिता का अपने छात्राओं के प्रति लगाव इस तरह से है कि वह हर अंग्रेजी विषय में सबसे अच्छे नंबर लाने वाली छात्रा को उसके इच्छानुसार पुरस्कार देती हैं।

न्यूजपोस्ट डॉ अमिता के इन बेहतरीन कार्यों  को सलाम करता है।