(देहरादून)। गवर्नर्स अवॉर्ड में पहुंचे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे गुरुवार को कुछ अलग ही अंदाज में दिखे। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी उनकी बातों में झलकी। अपना संबोधन शुरू करते ही उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं कि बहुत कुछ कहा जा सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों को ‘मैं नहीं ,हम’ का सबक दिया।
शिक्षा मंत्री ने सास-बहु के झगड़े का एक किस्सा सुनाते कहा कि कहा कि वह खूब लड़ा करती थीं। पर एक दिन तूफान आया तो एक दूसरे की खैरियत की दुआ करने लगीं। एकाएक इस बदलाव पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि लड़ेंगे तब जब जिंदा रहेंगे। ऐसा ही कुछ शिक्षा विभाग के साथ है। बोले, विभाग है तो सब हैं वरना क्या मंत्री, क्या अधिकारी और क्या शिक्षक नेता। कहने लगे शिक्षा विभाग संकटकाल से गुजर रहा है। ऐसे में मैं नहीं हम की प्रवृति रखें।