उत्तराखंड में 69 विधानसभा में थम गया चुनाव प्रचार

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उत्तराखण्ड की 70 विधानसभा में से 69 विधानसभा पर 15 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए पूरे जोर-शोर और शोर-शराबे के साथ चल रहा चुनाव प्रचार अभियान सोमवार शाम पांच बजे थम गया। प्रदेश में 70 में से 69 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान होगा। कर्णप्रयाग विधानसभा पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी के सड़क हादसे में रविवार को मौत हो जाने के बाद इस सीट पर निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
राज्य में 75,12,559 मतदाता हैं, जिसमें 39,33,564 पुरुष और 35,78,995 महिला मतदाता हैं। सबसे ज्यादा 1725 मतदेय स्थल देहरादून और सबसे कम 312 रुद्रप्रयाग जिले में बनाए गए हैं। चुनाव के लिए 10854 सीयू ईवीएम और 11240 बीयू ईवीएम लगाई गई है। कुल 4,106 सीयू ईवीएम और 4235 बीयू ईवीएम रिजर्व रखी गई है। प्रदेश में 34 पॉलिटिकल पार्टियों के कुल 637 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बसपा ने 69, कांग्रेस ने 70, सीपीआई ने 5, सीपीएम ने 5, एनसीपी ने 2, आरएलडी ने 3, सपा ने 21, एसएस ने 7 और 262 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। निर्वाचन आयोग द्वार राज्य में चुनाव के लिए कुल 10854 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा कांग्रेस समेत बसपा और निर्दलीय प्रत्याशियों ने पूरा दमखम लगा दिया है।
उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गढ़वाल और कुमांउ मंडल में तीन दिनों में ताबड़तोड़ चार रैली कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया। वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरिद्वार में 10 विधानसभा में रोड शो कर मोदी की रैली का जवाब देकर जनता को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। बसपा सुप्रीमो मायावती भी अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करते हुए कांग्रेस भाजपा से लोगों को दूर रहने की सलाह दी।
सोमवार को प्रचार के अंतिम दिन भाजपा की ओर से केन्द्रीय मंत्री उमा भारती तथा केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह और स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, दिल्ली भाजपा प्रदेश मनोज तिवारी सहित सभी नेताओं ने प्रदेश में ताबड़तोड़ दर्जनों से अधिक सभायें कर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में बनाने का भरपूर प्रयास किया। वहीं कांग्रेस की ओर मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित अन्य स्टार प्रचारकों ने सभायें कर मतदताओं को लुभाने का प्रयास किया।
उत्तराखण्ड के प्रथम चरण में गढ़वाल और कुमाऊं के दोनों क्षेत्रों 69 विधानसभा क्षेत्रो में एक ही चरण चुनाव में संपन्न होगा। हालांकि कर्णप्रयाग के बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने से वहां का चुनाव रद्द कर दिया गया है। गढ़वाल और कुमाउं मंडल के दोनों क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस की बीच जोरदार टक्कर है। उत्तरप्रदेश से सटे जिला हरिद्वार के आसपास बसपा प्रत्याशी भी दोनों पार्टियों को जोरदार टक्कर दे रहे हैं।
जानकारों का मानना है कि ठंड के मौसम होने के चलते पहाड़ों में मतदान केन्द्रों तक लोगों को पहुंचने में थोड़ी दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है। हालांकि मतदाताओं को सुविधा के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा पूरी व्यवस्था की गयी है।
उत्तराखंड के सभी विधानसभाओं की सीमाएं नेपाल और उत्तरप्रदेश से सटी है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा 72 घंटे पहले सील हो गई है। भारत को नेपाल से जोड़ने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय पुलों पर आवागमन बंद हो गया है। 15 फरवरी को मतदान के बाद सीमा खुलेगी।
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पैरामिलेट्री फोर्स एवं राजस्थान होमगार्ड तैनात रहेंगे। अन्तरर्राज्यीय सीमा पार से गड़बड़ी न फैलाई जा सके इसके लिए उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की पुलिस मिलकर निगरानी रखेगी।