पौड़ी। पौड़ी जिले के कालागढ़ से लगे बिजनौर क्षेत्र वन विभाग की अमानगढ़ रेंज के कल्लूवाला मालोनी गांव में एक नर हाथी का शव ग्रामीणों ने देखा जिसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना के घण्टो बाद भी वन विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नही पहुंचा। ग्रामीणों के बार बार शिकायत करने के बाद देर से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बिजनौर क्षेत्र का अमानगढ़ टाइगर रिज़र्व जो कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की सीमा से सटा हुआ है जो जंगली जानवरों का प्राकृतिक वास स्थल भी है। अमानगढ़ रेंज से लगा हुए गांव मालोनी में बुधवार सुबह को अचानक कुछ ग्रामीणों को खेतो के समीप एक हाथी का शव दिखा जिसे देखकर भयभीत ग्रामीणों ने पूरे गांव में इसकी सूचना दी । मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गयी और वन विभाग को सूचित किया। परन्तु उत्तर प्रदेश वन विभाग की ढीली कार्यशैली व लापरवाही वाला रवैया किसी से छुपा नही है। सूचना देने के घण्टो बाद भी वन विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नही पहुंचा ,परन्तु कालागढ़ के वनक्षेत्राधिकारी आर के भट्ट घटनास्थल पर पहुंचे और अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह हमारी सीमा से बाहर उत्तर प्रदेश का मामला है। इसमे हम कुछ नही कर सकते। जिससे ग्रामीणों में रोष पैदा हो गया और शिकायत बिजनौर वन प्रभागीय अधिकारी से की गई। वन प्रभागीय अधिकारी ने तत्काल टीम को मौके पर भेजा। मौके पर पहुंचे डिप्टी रेंजर जयपाल सिंह ने भीड़ को शांत किया और शव को कब्जे में ले लिया।
डिप्टी रेंजर जयपाल सिंह ने बताया कि हाथी के शरीर पर कुछ घाव के निशान भी है इसकी मृत्यु के कारणों का अभी पता नही लग पाया है। शव को कब्जे में ले लिया है पोस्टमार्टम के लिए बरेली से टीम आ रही है पोस्टमार्टम के बाद ही मृत्यु के कारणों का पता लग पायेगा।
वही सत्यवीर सिंह, गुरजीत सिंह, राजू , हेमंत आदि किसानों का कहना है कि पिछले काफी लंबे समय से ये हाथी लगातार क्षेत्र में घूम रहा था और किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहा था किसानों ने कई बार वन विभाग से शिकायत की लेकिन वन विभाग ने इस ओर आज तक कोई ध्यान नही दिया।
हाथी उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड का नही बल्कि हम सबका है मुझे इसका बेहद खेद है भविष्य में ऐसी दुखद घटना ना हो उसके लिए सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे- आर के तिवारी ,उप प्रभागीय वनाधिकारी कालागढ़
हाथी की मौत के कारणों का पता किया जा रहा है कालागढ़ वन विभाग से बात कर जगह जगह टूटी हुई दीवारों की मरम्मत के लिए कहा जायेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटना ना हो – डीएफओ बिजनौर।