कोटद्वार, भाबर क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड 37 झंडीचौड़ पश्चिमी में हाथी ने कई बीघा खेत में चरी घास, मक्के व धान की फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया। किसान बलराम, बृजमोहन, महेंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह ने बताया कि हाथी उनके खेतों में घुस गया। हाथी ने चरी घास, मक्के व धान की फसल को तहस-नहस कर दिया। काफी शोर मचाने के बाद हाथी जंगल की ओर गया।
किसानों ने बताया कि उत्तर प्रदेश वन सीमा से सटे होने के कारण आये दिन खेतों में जंगली जानवर आते रहते है। कई बार इसकी सूचना वन विभाग को भी दी गई लेकिन वन विभाग से कोई भी अधिकारी क्षेत्र में गश्त के लिए तक नहीं आते। खेतों में हाथी के आने से जहां फसले तो बर्बाद हो ही रही है, वहीं हाथी को भगाने के दौरान जान का भी खतरा बना रहता है। स्थानीय पार्षद सुखपाल शाह ने वनविभाग को सूचित किया जिस पर वन दरोगा पीएल अरोड़ा व वनकर्मी डब्बल सिंह ने मौके पर पहुंचकर फसलों के हुए नुकशान का जायजा लिया।
स्थानीय पार्षद सुखपाल शाह ने हाथी द्वारा हुए फसलों के नुकशान का मुआवजा, और वन सीमा से सटे परिवारो को पटाके, गांधी बन्दूक, रात को गस्त बढ़ाने की मांग वन विभाग से की। उल्लेखनीय है कि भाबर क्षेत्र के ग्राम हल्दूखाता, मवाकोट, कण्वाश्रम, झण्डीचौड, गंदरियाखाल, रामदयालपुर व चिल्लरखाल आदि गांव जंगलों से सटे हुए हैं और कुछ ग्रामीणों के खेत बिजनौर वन प्रभाग के जंगल से सटे हुए हैं। इन गांवों में अक्सर जंगली जानवरों का आना-जाना लगा रहता है। जिससे उस क्षेत्र के ग्रामीणों को फसलों का काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इन क्षेत्र के ग्रामीण पिछले काफी समय से इस समास्या के निराकरण की मांग कर रहे है, लेकिन इस ओर कोई भी ध्यान देने को तैयार नहीं है।