हाथी कभी भी बन सकते हैं कांवड़ियों के लिए बड़ी मुसीबत

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हरिद्वार,  पंचक समाप्ति के साथ विश्व प्रसिद्ध कांवड़ मेला चरम पर आ जाएगा। पंचक की समाप्ति 24 जुलाई को हो रही है। इस दौरान बाहर से आने वाले कावड़ियों के लिए हरिद्वार में जंगली हाथी कभी भी बड़ी मुसीबत का सबब बन सकते हैं।
पिछले दो दिनों से हरकी पौड़ी से कुछ किमी की दूरी पर हाथियों की आवाजाही बनी हुई है। राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे औद्योगिक क्षेत्र में हाथी पिछले दो दिनों से रोजाना भोजन की तलाश में रात होते ही निकल आते हैं और रातभर क्षेत्र में ही घूमते हैं।
उल्लेखनीय है कि जिस स्थान पर हाथियों की चहलकदमी बीते दो दिनों से देखने को मिल रही है उस इलाके से होकर हरिद्वार से आने वाले अधिकतर लोग गुजरते हैं। इतना ही नहीं बाहर से आने वाले कांवड़िए भी इस रास्ते का ही प्रयोग कर रहे हैं। शनिवार रात करीब 11 बजे चार-पांच हाथियों का एक झुंड राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार में घुस आया। हाथियों के घुसने से इलाके में हड़कंप मच गया था।
इसकी सूचना पर पार्क की कई टीमें मौके पर पहुंची। एक घंटे तक वन विभाग की टीमों को हाथियों ने छकाए रखा। आखिरकार हाथियों को जंगल में खदेड़ने के लिए कई राउंड फायर भी किए गए। हाथियों के वन में जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। इस तरह की घटना से पूरे कांवड़ मेले पर हाथियों का खतरा मंडराने लगा है।