मृत्यु  उपरांत नेत्रदान का संकल्प महादान :  नेत्र विशेषज्ञ

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ऋषिकेश, कॉर्निया से ग्रस्त विश्वभर में सर्वाधिक 20 प्रतिशत लोग भारत में है तथा देशभर में 60-70 लाख लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण के इंतजार में है ।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में स्थापित आई बैंक के मद्देनजर बृहस्पतिवार को सार्वजनिक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया जिसमें  विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरुक किया और मृत्यु के उपरांत नेत्रदान के संकल्प को महादान की संज्ञा  देते हुए यह जानकारी दी ।   व्याख्यानमाला में  नगर क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों, मरीजों के तीमारदारों ने भाग  लिया।

एम्स संस्थान के नेत्र विभाग की ओर से मिनी ऑडिटोरियम में नेत्रदान को लेकर आयोजित व्याख्यानमाला में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत नेकहा कि देशभर में प्रतिदिन वि​​भिन्न कारणों से मृत्यु दर 26000 है, मगर जागरुकता के अभाव में इनमें से बहुत कम संख्या में ही लोग नेत्रदान कर पाते हैं।  यदि सभी लोग मृत्यु उपरांत नेत्रदान का संकल्प लें तो महज चार महीने में जरुरतमंदों को नेत्रज्योति मिल सकती है और कॉर्निया की कमी दूर हो सकती है।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश ने लोगों से नेत्रदान को लेकर जागरुक होने और दूसरों के जीवन को रोशन करने में मददगार साबित होने की अपील की। नेत्र रोग ​विभागाध्यक्ष डा. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि देशभर में 60-70 लाख लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण के इंतजार में है, नेत्र विकार की वजह से इस आंकड़े में प्रतिवर्ष 25 हजार लोगों की बढ़ोत्तरी हो रही है।
आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डा. नीति गुप्ता ने बताया कि जीवन में कई वजहों से लोगों की नेत्रज्योति समाप्त हो जाती है, इसकी वजह होली पर्व के मौके पर कैमिकल युक्त रंगों के प्रयोग, दीपावली पर पटाखों की चिंगारी व धुआं, दुर्घटना में चोट लगना अथवा शरीर में विटामिन- ए की कमी आदि कारण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि नेत्रदान के संकल्प से ही कॉर्निया की जरूरत को पूरा किया जा सकता है,लिहाजा आमजन को इस दिशा में गंभीर होने की जरुरत है। उन्होंने सभी लोगों से स्वयं भी नेत्रदान का संकल्प लेने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की अपील की।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में देश में 26000 कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुए। कॉर्निया के दान में देश के अन्य राज्यों में तमिलनाडु प्रांत सबसे अधिक जागरुक है। कॉर्निया से ग्रस्त विश्वभर में सर्वाधिक 20 प्रतिशत लोग भारत में हैं।