सरकारी स्कूल के शिक्षक उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए फेसबुक पर तेजी से लाॅग इन कर रहे हैं।।
राज्य में लगभग 17,000 सरकारी स्कूल हैं जिसमें तकरीबन 1 लाख शिक्षक काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि 2 जून से शुरु की गई सेवा जो सरकारी शिक्षकों के लिए अपने काम में आने वाली बाधाओं की रिपोर्ट करने के लिए शुरू की गई थी उसमें अबतक लगभग 100 शिकायत ‘शिकायत और सुझाव सेल’ के तहत प्राप्त हुई हैं। फेसबुक के माध्यम से शिकायतों के साथ उत्तराखंड में स्कूल शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए शिक्षकों के सुझाव व सिफारिशें के लिए भी आमंत्रित किया गया था ।
अधिकारियों के अनुसार अब, लगभग 70% शिकायतें फेसबुक के माध्यम से आई है। इसके अलावा 15% शिकायतें ईमेल के माध्यम से आई हैं, 13% व्हाट्सएप और 2% ट्विटर से आई हैं। लोगों के रिस्पांस से खुश अरविंद पांडे का कहना है कि आज के समय में फेसबुक बहुत जरुरी सोशल मीडियम बन चुका है और हमारे शिक्षक वास्तव में इसका पूरी तरह से उपयोग कर रहे हैं। हम ई-मेल, व्हाट्सएप, ट्विटर और पोस्ट के माध्यम से भी शिकायतें और सुझाव प्राप्त कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने वादा किया है कि पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर शिकायतों को हल किया जाएगा, जिनके बारे में सारी सूचना सेल के माध्यम से इकट्ठा की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, पांडेय ने स्कूल शिक्षकों को और सहायता देने के लिए एक टोल फ्री नंबर भी लॉन्च करने की योजना बनाई है। अलग-अलग तरह की शिकायत, जैसे कि पेंशन प्रावधान में अंतर, सर्व शिक्षा अभियान, पदोन्नति और स्थानान्तरण के तहत वेतन के वितरण में देरी आदि भेजी जा रही हैं। मिडिल स्कूल में सरकारी शिक्षक सोहन सिंह ने कहा “इसमें कोई संदेह नहीं है कि फेसबुक का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है और यह सबसे लोकप्रिय भी है। यही कारण है कि शिक्षकों ने भी अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए इस मंच को चुना है और इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस सेल के गठन के पीछे का उद्देश्य पक्षपातपूर्ण पोस्टिंग और प्रोन्नति के संबंध में अनियमितताओं की रिपोर्ट करना है। कुछ पोस्टिंग प्रकाश में आई है, जिसमें हरीश रावत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के शासन में कथित तौर पर अवैध फैसले किए गए थे।अरविंद पांडे ने पहले ही ऐसे मामलों में जांच का आदेश दिये है।
सेल के साथ काम करने वाले प्रणय बहुगुणा ने बताया कि सरकारी शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड का समर्थन करना, फेसबुक पेज पर उनके सुझाव मांगना दो प्रमुख काम हैं। “ड्रेस कोड की बात पर शिक्षकों से वाहवाही प्राप्त हुई है लेकिन, ड्रेसकोड किस प्रकार का होगा उसपर काफी सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें अनुसरण किया जाना चाहिए।