समाज कल्याण विभाग की कार्य शैली देखिए, खुद तो फर्जी पेंशनर्स पकड़ नहीं रहे और सोशल ऑडिट में जो फर्जी पेंशनर्स सामने आते हैं, विभाग उनसे वसूली की कार्रवाई भी नहीं कर पा रहा।
इसी का नतीजा है कि पिछले साल ऑडिट में सामने आए 203 फर्जी दिव्यांग पेंशन ले रहे लोगों से अधिकारी अब तक 25 लाख रुपये की वसूली नहीं कर पाए हैं। अब मामले को संज्ञान में लेते हुए आयुक्त निशक्तजन न्यायालय ने समाज कल्याण विभाग को नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है। दरअसल, शासन की ओर से पिछले साल चलवाए गए पेंशन के सोशल ऑडिट में ऐसे 203 लोग सामने आए थे। जो दिव्यांग न होते हुए भी दिव्यांग पेंशन का लाभ उठा रहे थे या फिर इनमें से कई लोगों की सालों पहले मृत्यु हो चुकी थी और समाज कल्याण विभाग की ओर से उनके खातों में अभी भी दिव्यांग पेंशन भेजी जा रही थी।
ऑडिट में मामला सामने आने के बाद समाज कल्याण ने इन पेंशनर्स का रिकाॅर्ड खंगाला तो उनसे 25 लाख रुपये वसूली करने का मामला सामने आया। इसके बाद शासन ने निर्देश दिए थे कि इन सभी लोगों से पेंशन की रिकवरी करने के साथ ही अपात्र लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही मृत लोगों के खातों से पेंशन के पैसे की रिकवरी की जाए लेकिन, अफसरों की सुस्ती भारी पड़ी और अब तक ये रिकवरी नहीं हो पाई है। शासन की सूचना के बाद आयुक्त निशक्तजन न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया है। इस संबंध में न्यायालय ने समाज कल्याण विभाग को नोटिस जारी कर दिया है।
न्यायालय ने पूछा है कि विभाग ने ये लापरवाही क्यों की है और भविष्य में कब तक विभाग ये वसूली पूरी कर लेगा। अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चंद्र ने बताया कि बीते साल 203 लोग ऐसे मिले थे, या तो जिनकी मृत्यु हो चुकी थी या फिर अपात्र होने के बावजूद वह दिव्यांग पेंशन का लाभ ले रहे थे। इस संबंध में अधिकारियों को शीघ्र वसूली पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।