गोवा में चल रहे ‘48वें अन्तराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव’ में फिल्म जगत के शो मैन कहे जाने वाले फिल्म निर्माता सुभाष घई ने कहा कि मेरे 45 साल के फिल्मी सफर में मेरी असफलता भी मेरी पूंजी रही है। असफलता को आशीर्वाद की तरह लेना चाहिए। वो आपको एक नई उर्जा प्रदान करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई फिल्म निर्माता नहीं है जिसने फ्लाप फिल्म न बनाई हो।
उल्लेखनीय है कि सुभाष घई ने हिन्दी फिल्म जगत में अपने करियर की शुरुआत एक अभिनेता के तौर पर फिल्म तकदीर (1967) और आराधना (1971) से एक छोटे से रोल से की थी। वहीं 1970 में आई फिल्म उमंग और 1976 में गुमराह में मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
सुभाष घई ने निर्माता के तौर पर अपनी शुरुआत फिल्म कालीचरण (1976) से की थी। यह फिल्म उन्हें शत्रुध्न सिन्हा के सिफारिश से मिली थी। सुभाष घई ने कई हिट फिल्में दीं। उनमें प्रमुख हैं- खलनायक, राम लखन, कर्मा, मेरी जंग, परदेश, ब्लैक एंड व्हाइट, यादें आदि।