शराब कांडः कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

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हरिद्वार, भगवानपुर के करीब छह गांवों में जहरीली शराब से मौतों के बाद कई घरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई घरों के चिराग बुझ गए हैं तो कई ऐसे भी घर हैं, जिनमें अब कमाने वाला कोई भी नहीं बचा। ऐसा ही एक परिवार है मृतक विनोद का। विनोद के भाई ने बताया कि वो अपने पीछे 6 बच्चे छोड़ गया है, जिनके सामने अब रोजी-रोटी की समस्या आ गई है। वो अपने घर में कमाने वाला इकलौता व्यक्ति था। मृतक के भाई ने सरकार से उनकी मदद करने के साथ ही नकली शराब को संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। बीती आठ फरवरी को जहरीली शराब पीने से इन गांवों में मौत का ऐसा तांडव शुरू हुआ है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौत के आकंड़े दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं।

अब तक यूपी और उत्तराखंड के 100 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के कारण काल के गाल में समा गए हैं। इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि अब तक अवैध शराब को संरक्षण देने वाली बड़ी मछलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिले के जिम्मेदार आला अफसरों को लेकर कोई कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया गया है। हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर उत्तराखंड को जहरीली शराब का हब बनना का आरोप लगाते हुए मृतकों के अश्रितों को 5-5 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग भी की है।